Jabalpur News: ‘अध्यक्ष’ के बिना RDVV में कर्मचारी संघ हड़ताल पर, 19 दिनों से विश्वविद्यालय का कामकाज ठप

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष द्वारा भले ही कार्य का बहिष्कार (हड़ताल) स्थगित किए जाने का पत्र सौंप दिया गया है, लेकिन संघ के अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी उनके फैसले से सहमत नहीं हैं। यहीं कारण है कि आज 19 वें दिन कर्मचारी संघ बिना अध्यक्ष के हड़ताल पर बना हुआ है। हड़ताल को अभी भी पूरे कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है, जिसके चलते लाख प्रयास के बाद भी विश्वविद्यालय का कामकाज प्रारंभ नहीं हो पाया है।
अध्यक्ष के मैदान छोड़ने का असर नजर नहीं आया
ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि अध्यक्ष के हड़ताल से अलग हो जाने का व्यापक असर पड़ेगा,लेकिन जमीनी तौर पर ऐसा नजर नहीं आ रहा है। अध्यक्ष वीरेंद्र पटेल व उनके तीन-चार समर्थकों के अलावा कोई भी बिना मांगे पूरी हुए काम पर लौटने तैयार नहीं है। उल्टा अध्यक्ष पर विश्वघात करने का आरोप लग रहा है। इस परिस्थिति ने अध्यक्ष की कर्मचारी संघ के राजनैतिक कॅरियर को भी खतरे में डाल दिया है।
विश्वासघात क्यों किया
पूरे घटनाक्रम को लेकर शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के महासचिव राजेंद्र शुक्ला का कहना है कि संघ अध्यक्ष ने किस दबाव में आकर ऐसा कदम उठाया अभी तक इस बात का खुलासा तो नहीं हो सका है। गुरूवार को कर्मचारियों की आमसभा में उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन आमसभा में भी उन्होने ने केवल अपने निर्णय को उचित ठहराने पर ही जोर दिया। इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस तरह बिना किसी से चर्चा किए एकतरफा हड़ताल स्थगित करने का निर्णय उन्होने क्यों लिया। अध्यक्ष के निर्णय से कोई भी सहमत नहीं है इस बात का अंदाजा उन्हें आमसभा में लग गया होगा। कर्मचारियों की 20 सूत्रीय मांगे जब तक पूरी नहीं हो जाती विश्वविद्यालय का हर कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करता रहेगा।
इधर, टीचर्स के पेंशन प्रकरण पहुंचे भोपाल - बाक्स एक तरफ संघ सेवानिवृत कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों के निराकरण में आ रही तकनीकी अड़चनों को दूर कर प्री आॅडिट कराए जाने की मांग कर रहा है। हड़ताल की मांगों में उक्त बिंदू मुख्य है। वहीं आज करीब 16 विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन प्रकरण को लेकर आज खुद कुलसचिव भोपाल गए हुए हैं। कर्मचारियों के मामले में जब तक फाइले आॅडिट विभाग से क्लीयर नहीं हो जाती, तब तक आगे की कार्यवाही नहीं हो सकती।