Jabalpur News: शासकीय राशि के गबन के आरोप में दो पूर्व सरपंचों के विरुद्ध वारंट जारी,एक को भेजा गया जेल
Jabalpur News: Warrant issued against two former sarpanches on charges of embezzlement of government funds, one sent to jail

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। न्यायालय विहित प्राधिकारी एवं जिला पंचायत के सीईओ ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा-92 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की सुनवाई में दो पूर्व सरपंचों को जेल भेजने का वारंट जारी किया है। निर्माण कार्यों के लिये स्वीकृत राशि का गबन करने के दोषी इन पूर्व सरपंचों में से एक को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल जबलपुर भेजा गया है।
जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय विहित प्राधिकारी द्वारा बीते लगभग दो माह के दौरान मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा- 92 के अंतर्गत दर्ज 45 प्रकरणों की सुनवाई की गई। इनमें से 15 प्रकरणों में 10 लाख 30 हजार रुपये की वसूली राशि जमा कराई गई तथा आठ प्रकरणों में 13 लाख 17 हजार 694 रुपये से सीसी सड़क, अतिरिक्त कक्ष, पौधारोपण एवं चेकडेम निर्माण जैसे कार्यों को पूर्ण कराया गया।
धारा-92 के शेष प्रकरणों में वसूली की राशि जमा करने दोषी व्यक्तियों को नोटिस जारी किये गये हैं। जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय विहित प्राधिकारी जिला पंचायत द्वारा 4 लाख 71 हजार 702 रुपये की शासकीय राशि का गबन करने के दोषी जनपद पंचायत कुण्डेश्वरधाम की ग्राम पंचायत गौरी के पूर्व सरपंच संत कुमार चौधरी के विरुद्ध धारा-92 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।
निर्माण कार्यों के लिये स्वीकृत इस राशि में भवन मरम्मत के लिये 58 हजार रुपए, नाली निर्माण के लिये 2 लाख 60 हजार 702 रुपये एवं बाउन्ड्रीवाल निर्माण के लिये 1 लाख 53 हजार रुपये की राशि शामिल थी। संत कुमार चौधरी द्वारा ग्राम पंचायत गौरी का सरपंच रहते स्वीकृत इस राशि को अपने खाते में जमा कर लिया गया था। पूर्व में हुई सुनवाई में संत कुमार को वसूली की यह राशि जमा करने का अवसर भी दिया गया, लेकिन समय सीमा के भीतर यह राशि जमा नहीं कराये जाने पर वारंट जारी कर उन्हें 20 मई को केंद्रीय जेल जबलपुर भेज दिया गया।
इसी प्रकार जनपद पंचायत पाटन की ग्राम पंचायत पौडीकला के पूर्व सरपंच रामचरण बर्मन के विरुद्ध भी न्यायालय विहित प्राधिकारी जिला पंचायत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। रामचरण पर सरपंच के कार्यकाल के दौरान प्राथमिक शाला पौडीखुर्द के लिये स्वीकृत 20 हजार रुपये का गबन के आरोप थे। विहित प्राधिकारी द्वारा उनके विरूद्ध पूर्व में वसूली का आदेश पारित कर 20 मई को प्रकरण की अगली सुनवाई की तारीख तय की गई थी। लेकिन, इस नियत सुनवाई में न तो रामचरण बर्मन उपस्थित हुये और न ही उनके द्वारा वसूली राशि जमा की गई। पूर्व की नियत सुनवाई में सूचना दिये जाने के बावजूद भी वे लगातार अनुपस्थित रहे।