Jabalpur News:एआईडीईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पाठक बोले; प्रतिस्पर्धा के लिए आयुध निर्माणियों के इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने की आवश्यकता है

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। निजी क्षेत्र की कंपनियों को गोला- बारूद बनाने के लिए म्युनिसेंस इंडिया लिमिटेड से एनओसी देने कहा गया है। यह सरकार का मजदूर विरोधी निर्णय है, गोला बारूद एक सेंसिटिव काम है। प्राइवेट में जहां प्रतिस्पर्धा के कारण कीमत कम होगी,उसके साथ ही इसकी क्वालिटी में ही फर्क आएगा। जिससे हमारे सैनिकों के जान माल के नुकसान की हमेशा संभावना बना रहेगी।
ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लॉय फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज गोला- बारूद उत्पादन का काम भी टाटा,अंबानी को दिया जा रहा है। आज इसी प्रतिस्पर्धा के कारण आठ निर्माणियां बंद होने के कगार में हैं। जबकि जरूरत यह है कि देश की आयुध निर्माणियों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलने की है।
निजी कंपनियां आपदा में अवसर खोजेंगी - तीनों सेनाओं के बाद आयुध निर्माणियां 1965 की लड़ाई हो चाहे 1971 की एवं 1999 का कारगिल युद्ध कर्मचारियों ने अपना जी-जान लगाकर आयुध सामग्री का निर्माण किया,ताकि सरहद में सैनिकों को आयुध सामग्री मिलता रहे। वर्तमान सरकार जैसे आपदा में अवसर ढूंढ लेती है। वैसे ही यह प्राइवेट कंपनियां आपदा के समय उच्च कीमतों पर सप्लाई आर्डर लेगी और क्वालिटी से समझौता भी करेगी।
आखिर जीसीएफ की एल-70 ही आए काम- एसएन पाठक ने कहा कि वर्तमान में आॅपरेशन सिंदूर के दौरान जीसीएफ में बने एल 70 गन ने जिस तरह कोहराम मचाया वह जग जाहिर है, जबकि इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया था। जिसे पुन: चालू करने का विचार मंथन किया जा रहा है। निगमीकरण के मुद्दे पर एसएन पाठक द्वारा कहा कि उसके खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
आठवें वेतनमान को लेकर क्या है सरकार की मंशा- आठवें वेतनमान के संबंध में एसएन पाठक ने कहा कि सरकार शुरू से आठवें वेतनमान का विरोध कर रही थी,मगर दिल्ली चुनाव के पहले इसकी घोषणा कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश किया गया। मगर अभी तक इसका गठन नहीं किया गया,सरकार की मंशा क्या है यह सरकार ही जाने। मगर कर्मचारियों के मन में रोष है।
10 अक्टूबर से चलया जाएगा क्रमबद्ध आंदोलन- आॅल इंडिया डिफेंस एंप्लॉय फेडरेशन ने क्रम बंद्ध आंदोलन की तैयारी की है। जिसके तहत 10 अक्टूबर को 41 आयुध निर्माणियों में पर्चा वितरण एवं 14 अक्टूबर को गेट मीटिंग के माध्यम से कर्मचारियों को संबोधित किया जाएगा। आने वाले समय फेडरेशन हड़ताल के बारे में भी विचार कर रही है। कार्यक्रम के संयोजक जीसीएफ के मीडिया प्रभारी से उत्तम विश्वास ने कहा कि कर्मचारी अतिदुविधा में है। प्रतिनियुक्ति का समय 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। फेडरेशन द्वारा प्रसार भारती मॉडल की मांग किया जा रहा है। जिसमें कर्मचारियों की नौकरी सेवा शर्तें सुरक्षित रहे,मगर सरकार द्वारा कोई आश्वासन नहीं दिया गया।