Jabalpur News: होटल सुकून सिटी व्यू का केस बंद करने- पक्ष में आदेश देने मांगी गई थी 4 लाख की रिश्वत, सीबीआई कोर्ट में पेश किए गए सीजीएसटी के अधिकारी ... पढ़िए क्या है पूरा मामला

Jabalpur News: होटल सुकून सिटी व्यू का केस बंद करने- पक्ष में आदेश देने मांगी गई थी 4 लाख की रिश्वत, सीबीआई कोर्ट में पेश किए गए सीजीएसटी के अधिकारी ... पढ़िए क्या है पूरा मामला

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। होटल कारोबारी के पक्ष में आदेश करने के एवज में चार लाख की रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किए गए सीजीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे को आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में अभी सीजीएसटी अधीक्षक मुकेश बर्मन की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बताया जाता है कि सीबीआई ने विस्तृत पूछताछ के लिए रिमांड आवेदन प्रस्तुत किया है।

क्या है मामला - उल्लेखनीय है कि 27 नवंबर 2025 को विवेक त्रिपाठी, निदेशक सतपुरा इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड, जबलपुर ने निरीक्षक (उप/सहायक सीजीएसटी कार्यालय जबलपुर) सचिन खरे के द्वारा रिश्वत की मांग के संबंध में एक लिखित शिकायत दी थी। उक्त शिकायत में बताया गया था कि सतपुरा इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड के जबलपुर में उनके चार होटल हैं।

वर्ष 2018-19 में उनके एक होटल सुकून सिटी व्यू का ओयो कंपनी के साथ संबद्धता थी। ओयो कंपनी से संबंधित जीएसटी का मामला जबलपुर के सीजीएसटी कार्यालय में लंबित है और इस संबंध में उनके होटल को करों के बकाया के लिए एक कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। सीजीएसटी विभाग ने उनसे उनके होटल, सुकून सिटी व्यू जबलपुर के दस्तावेज और रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा था और उन्होंने नोटिस के लिखित उत्तर के माध्यम से सुकून सिटी व्यू के सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड बैंक स्टेटमेंट के साथ सीजीएसटी विभाग को पहले ही जमा कर दिए हैं। 

पक्ष में आदेश कराने दिया आश्वासन - शिकायतकर्ता का आरोप था कि सीजीएसटी इंस्पेक्टर सचिन खरे होटल के खिलाफ मामला बंद करने और पक्ष में आदेश देने के बदले में 4,00,000 रुपये की अवैध रिश्वत की मांग कर रहे हैं और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अपना काम करवाने का आश्वासन भी दिया है। 

सीए की भूमिका रही अहम- शिकायत सत्यापन के दौरान शिकायतकर्ता ने जबलपुर स्थित सीजीएसटी कार्यालय में निरीक्षक सचिन खरे और अधीक्षक श्री बर्मन से बातचीत की। सीए हर्षित खंडेलवाल भी लंबित कार्यों और लोक सेवकों द्वारा रिश्वत की मांग के संबंध में हुई चर्चा में शामिल हुए। 30.11.2025, 12.12.2025 और 16.12.2025 को भी आगे की सत्यापन कार्यवाही की गई।

कार्यालय बुलाकर तय की रिश्वत देने की डेट - जिसके बाद 16 दिसंबर को शिकायतकर्ता सीबीआई कार्यालय का पहुंचे और बताया कि उनके सीए हर्षित खंडेलवाल ने 15 दिसंबर को सीजीएसटी कार्यालय गये थे जहां निरीक्षक सचिन खरे ने बताया कि उनका आदेश लगभग तैयार है और उन्हें 16 दिसंबर की शाम तक भुगतान की व्यवस्था कर लो।

पुख्ता प्रमाणों के बाद किया ट्रप- सीबीआई अधिकारियों ने पाया कि रिकॉर्ड की गई बातचीत से यह स्थापित हुआ कि इंस्पेक्टर सचिन खरे और अधीक्षक मुकेश बर्मन दोनों 4,00,000 रुपए की अनुचित मांग कर रहे हैं। जिसके बाद उपरोक्त तथ्यों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (वर्ष 2018 में संशोधित) की धारा 7 के तहत दंडनीय अपराधों का खुलासा हुआ है।