Jabalpur News: NSUI ने घेरा RDVV, कार्य परिषद बैठक में किया हंगामा

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने फिर एक बार रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) की कार्य परिषद बैठक के दौरान विश्वविद्यालय पहुंच जमकर प्रदर्शन किया।एनएसयूआई जबलपुर के जिला अध्यक्ष सचिन रजक के नेतृत्व में छात्र और संगठन के कार्यकर्ता गुरुवार की दोपहर लगभग 12 बजे विश्वविद्यालय के एकात्मक भवन पहुंचे, जहां उस समय कार्य परिषद की बैठक संचालित की जा रही थी।

आरोप है कि प्रशासन द्वारा मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को भीतर प्रवेश से रोका गया, जिसके चलते परिसर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। छात्रों ने इसे लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने का प्रयास बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र सुविधाओं में कटौती कर रहा है, जबकि अपने स्वयं के व्यय और प्रशासनिक खर्चों में निरंतर वृद्धि की जा रही है।

संगठन का कहना है कि वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यशैली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र हितों और संस्थान की प्रतिष्ठा पर पड़ा है। संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विधानसभा जैसे संवैधानिक मंच पर भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की गई।

तकनीकी पाठ्यक्रमों से संबंधित प्रश्न के उत्तर में संसाधनों की उपलब्धता का दावा किया गया, जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। छात्रों के अनुसार न तो कंप्यूटर, न सॉफ्टवेयर और न ही प्रायोगिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे बीसीए, एमसीए और बी.टेक. जैसे पाठ्यक्रम केवल औपचारिकता बनकर रह गए हैं।

एनएसयूआई ने AICTE और ICAR जैसे नियामक निकायों के मानकों के खुले उल्लंघन का भी आरोप लगाया। संगठन के अनुसार बिना आवश्यक अधोसंरचना, प्रयोगशालाओं और मान्यता के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। कृषि संकाय, तकनीकी विभागों और पत्रकारिता विभाग की बदहाल स्थिति को प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बताया गया।

प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग की भयावह कमी है। स्वीकृत पदों की तुलना में मात्र गिने-चुने नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं, जिससे शिक्षण, शोध और अकादमिक मार्गदर्शन की व्यवस्था चरमरा गई है। शोध-संस्कृति के पतन, शोध पत्रिकाओं के बंद होने और परियोजनाओं के अभाव को विश्वविद्यालय की गिरती साख का प्रमाण बताया गया। विश्वविद्यालय की प्रशासनिक अक्षमता का असर अब परीक्षा एवं परिणाम प्रणाली पर भी साफ़ दिखाई दे रहा है।

सत्र दर सत्र परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रही हैं और जो परीक्षाएं हो भी जाती हैं, उनके परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं। परिणामों में हो रही देरी के कारण छात्रों का अगला शैक्षणिक सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाएं और रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति विश्वविद्यालय में कार्यकुशलता और जवाबदेही के घोर अभाव को दर्शाती है, जिससे छात्रों में गहरा असंतोष और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा, नीलेश माहर, अनुज यादव, प्रतिक गौतम, सक्षम यादव, राहिल पाण्डेय,एजाज अंसारी,पुष्पेन्द्र गौतम, अदनानअंसारी,यश ,पलक ,काजल ,अयुशी, फलक सहित भारी संख्या मे छात्र छात्राए उपस्थित थे।