Jabalpur News: युद्ध की घंटी, ओएफके में अधिकारियों -कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल, वापस बुलाए गए काम पर

Jabalpur News: War bell, leaves of officers and employees in OFK cancelled, called back to work

Jabalpur News: युद्ध की घंटी, ओएफके में अधिकारियों -कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल, वापस बुलाए गए काम पर

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पल-पल बदल रही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए देश की आयुध निर्माणियों में हलचल तेज हो गई है। मुख्य रूप से सेना के लिए गोला-बारूद बनाने वाली निर्माणियों में प्रबंधन ने सभी अधिकारियों- कर्मचारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया गया है। भारतीय सेना के लिए गोला बारूद बनानी वाली रक्षा मंत्रालय की मुख्य कंपनी एमआईएल ने अपनी सभी ईकाईयों के लिए आदेश जारी कर दिया है।

आज आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में मुख्यालय से उक्त आशय के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आयुध निर्माणी खमरिया के समस्त अधिकारी- कर्मचारी लंबी छुट्टियों को कौसिंल किया जाता है। बात साफ है कि सभी को तत्काल कार्य पर लौटना होगा। वहीं सेना को गोला बारूद मुहैया करनी वाली निर्माणियों ने अपने उत्पादन लक्ष्य पर पूरा फोकस कर लिया है।

मुख्य रूप से भारतीय एयर फोर्स के उपयोग में आने वाले बमों के उत्पादन में रफ्तार बढ़ा दी गई है। हालांकि अधिकारिक तौर पर युद्ध को लेकर रक्षा मंत्रालय से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। मगर, निर्माणियों में पूर्व के घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाई हुई है। वैसे भी उत्पादन लक्ष्य को लेकर अब समय सीमा पर ज्यादा फोकस करना होता है।गौरतलब है कि 250 किग्रा एयर बम का इस्तेमाल सुखोई या जगुआर एयक्राफ्ट के जरिए किया जाता है।

दुश्मन के इलाके में गिरने से हुए विस्फोट में आठ से 10 फीट का गहरा गड्ढा बन जाता है। जानकारों ने बताया कि इसमें 6 से 7 किलो अति विस्फोटक बारूद भरा होता है। बारूद के साथ छोटी स्टील की बॉल रहती हैं जो कि, काफी घातक साबित होती हैं। इसी प्रकार 120 किग्रा एयर बम भी सबसे विश्वसनीय हथियारों में शामिल है। यह दुश्मन के बंकर, पुल और इमारतों को तबाह कर देता है। 

सर्जिकल स्ट्राइक में 1000 पाउंड बमों ने किए थे जैश का ठिकानों को ध्वस्त

29 सितंबर 2016 में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर जिन 1000 पाउंड एलबीएस एचई (लांग बॉक्स सर्विस हाई एक्सप्लोसिव) एयर ड्राप बमों को गिराया गया था, वह मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में ही बने थे। ओएफके में 1000 पाउंड एयर ड्राप बम बनाने का काम करीब 12 वर्ष से किया जा रहा है। इस बम की कुल लंबाई पांच फीट और वजन लगभग 500 किग्रा होता है। इस विध्वंसक बम का खोल 250 किग्रा धातु (टंगस्टन, जस्ता आदि) से बना होता है। इसके अंदर 250 किग्रा. वजन का आरडीएक्स, टीएनटी और केमिकल मिश्रण भरा रहता है।