Jabalpur News: तेंदुए के हमले में बाल-बाल बचा जबलपुर का महाजन परिवार
Jabalpur News: The Mahajan family of Jabalpur narrowly escaped a leopard attack
आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। शिकार का पीछा करते हुए फार्म हाउस दीवार फांदकर घुस आए तेंदुए ने जबलपुर के महाजन परिवार पर हमला बोल दिया। घटना में महाराष्टÑ हाई स्कूल जबलपुर के 88 बैच के आशीष महाजन बुरी तरह से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब महाजन परिवार रत्नागिरी के चिपलून तहसील के टोंडली-वरेली गांव स्थित अपने फार्म हाउस गया हुआ था।
बताया जाता है कि तेंदुए के हमले का महाजन परिवार ने डटकर सामना किया। महाजन परिवार द्वारा आत्मरक्षा के लिए तेंदुए पर भी हमला किया गया था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र हाई स्कूल जबलपुर के 88 बैच के विद्यार्थी आशीष महाजन जो कि स्टेट बैंक कॉलोनी विवेकानंद वार्ड के निवासी हैं।
वे वर्तमान में रत्नागिरी जिले में काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि पेशे से मनोवैझानिक आशीष महाजन अपने फार्म हाउस में थे। तभी उन्होने अपने कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनकर बाहर निकले और देखा कि एक तेंदुआ उनके कुत्ते पर झपटने वाला है। लेकिन, महाजन को देखते ही तेंदुआ ने उन पर हमला कर दिया। 55 वर्षीय आशीष महाजन ने अपने पालतू कुत्ते को बचाने के लिए एक तेंदुए से बहादुरी से मुकाबला किया।
करीब 15 मिनट तक चले इस संघर्ष में महाजन और तेंदुआ दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद आशीष महाजन को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं घायल तेंदुए की मौत हो गई थी। जबलपुर में रहने वाले परिजनों ने बताया कि आशीष महाजन जबलपुर के महाराष्ट्र हाई स्कूल के शिक्षक रहे स्वर्गीय शरद महाजन के पुत्र हैं। अभी उनकी तबीयत ठीक है तथा एक-दो दिन में आईसीयू के बाहर आने की पूरी संभावना है।
महाजन के दोस्त तुषार वाघ ने घटना के संबंध में बताया कि भौंकने की आवाज सुनकर महाजन हाथ में मशाल लेकर बाहर निकले। तेंदुआ कुत्ते पर हमला करने ही वाला था, लेकिन महाजन ने उसे भगाने की कोशिश की। लेकिन तभी तेंदुए ने महाजन पर हमला कर दिया। उसकी चीखें सुनकर महाजन की पत्नी दौड़कर बाहर आईं और किसी तरह से एक नुकीला भाला महाजन पर फेंक दिया। आत्मरक्षा में महाजन ने तेंदुए की गर्दन और छाती पर वार किया। रत्नागिरी के वन अधिकारी गिरिजा देसाई-पाटिल ने कहा, जब हम मौके पर गए और मृत जानवर की जांच की, तो हमने पाया कि यह लगभग 2 साल की मादा थी।
तेंदुए की छाती, पैर और गर्दन पर घाव थे। घायल व्यक्ति को अस्पताल के खर्च के लिए मुआवजा दिया जाएगा। रत्नागिरी वन प्रभाग मुख्य वन संरक्षक, कोल्हापुर (क्षेत्रीय) के कार्यालय को रिपोर्ट करता है। रत्नागिरी के प्रभागीय वन अधिकारी गिरिजा देसाई-पाटिल ने कहा, जब हम मौके पर गए और मृत जानवर की जांच की, तो हमने पाया कि यह लगभग 2 साल की मादा थी। तेंदुए की छाती, पैर और गर्दन पर घाव थे।