Jabalpur News: RDVV कुलगुरु की बढ़ी मुश्किलें, एमपी हाईकोर्ट ने तीन IPS अधिकारियों वाली एसआईटी को सौपी जांच, पूर्व में हुई दो जांचों पर कोर्ट ने जताया संदेह

Jabalpur News: RDVV Vice Chancellor's troubles increased, MP High Court handed over the investigation to SIT comprising three IPS officers, court expressed doubts on two previous investigations

Jabalpur News: RDVV कुलगुरु की बढ़ी मुश्किलें, एमपी हाईकोर्ट ने तीन IPS अधिकारियों वाली एसआईटी को सौपी जांच, पूर्व में हुई दो जांचों पर कोर्ट ने जताया संदेह

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। महिला अधिकारी के आरोपों में घिरे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) के कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महिला कर्मचारी की याचिका पर जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने जबलपुर कलेक्टर द्वारा कराई गई दो जांचों पर सवालिया निशान लगाते हुए अब जांच को तीन आई पी एस अधिकारियों वाली एसआईटी को सौंपने के आदेश दिए हैं।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के साथ-साथ इस तथ्य को देखते हुए कि अधिकारियों द्वारा की गई दो बार की जांच उचित नहीं पाई गई, जिससे आरडीवीवी के सर्वोच्च अधिकारी के खिलाफ एक महिला कर्मचारी द्वारा की गई संवेदनशील शिकायत की जांच करने वाली समितियों की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा हुआ।

यह न्यायालय मामले की जांच के लिए मामले को तीसरी और स्वतंत्र एजेंसी को सौंपना उचित समझता है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मध्य प्रदेश को तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों से मिलकर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिए है।

कोर्ट ने कहा कि एसआईटी में एक महिला अधिकारी होनी चाहिए जो पुलिस अधीक्षक के पद से नीचे की न हो। वहीं तीनों अधिकारी जिला जबलपुर से नहीं होने चाहिए। एसआईटी का गठन अनिवार्य रूप से 3 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए और इसका नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा। एसआईटी मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि कलेक्टर का जवाब संतोषप्रद नहीं रहा तो कोर्ट इस मामले की जांच किसी और एजेन्सी को सौंपने बाध्य होगी। सुनवाई के दौरान कुलगुरु की ओर से कहा गया कि इस मामले की खबरें मीडिया में लगातार आने के कारण कुलगुरु की छवि धूमिल हो रही है। लिहाजा, मीडिया को इन खबरों का प्रकाशन करने से रोका जाए।

 लेकिन कोर्ट ने रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया था। गौरतलब है कि महिला कर्मचारी ने कुलगुरु प्रो. वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए यह याचिका दाखिल की है। पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर 6 सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। इस रिपोर्ट पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि घटना कुलगुरु के कमरे में 21 नवम्बर 2024 को हुई। पूरी घटना सीसीटीवी में दर्ज हुई। यह पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे पर आधारित है, जिसके बारे में रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है।