Jabalpur News: धान परिवहन घोटाले में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों पर हुई एफआईआर

Jabalpur News: FIR lodged against officers and employees involved in paddy transportation scam

Jabalpur News: धान परिवहन घोटाले में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों पर हुई एफआईआर

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। अंतर जिला मिलिंग की धान के परिवहन में की गई अफरा-तफरी तथा इसमें मिलर्स के साथ संलिप्त नागरिक आपूर्ति निगम और समितियों के अधिकारियों-कर्मचारियों पर दर्ज हुई एफआईआर की वजह से गेहूँ के उपार्जन एवं खाद्यान्न वितरण का कार्य प्रभावित न हो इसे लेकर शुक्रवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।

जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई ने बताया कि बैठक में कलेक्टर श्री सक्सेना द्वारा निर्देश दिये गये कि धान परिवहन में हुई हेरा-फेरी के इस प्रकरण में संलिप्त नागरिक आपूर्ति निगम तथा समितियों के अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध हुई एफआईआर से गेहूँ के उपार्जन तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कार्य प्रभावित हुए बिना सुचारू रूप से संचालित होता रहे।

श्री सक्सेना ने इस संबंध में समय रहते सभी जरूरी कार्यवाही एवं आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने की हिदायत भी अधिकारियों को दी। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत, अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड, क्षेत्रीय प्रबंधक स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन, क्षेत्रीय प्रबंधक स्टेट वेयर हाउसिंग कॉपोरेशन, उपायुक्त सहाकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मिलर्स द्वारा धान के परिवहन में की गई अफरातफरी के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 74 व्यक्तियों के विरुद्ध बारह थानों में दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे । एफआईआर में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारियों, 17 राइस मिलर और उपार्जन केंद्रों से जुड़ी सहकारी समितियों के 44 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। आरोप है कि अंतर जिला मिलिंग के अंतर्गत दूसरे जिलों के मिलर्स द्वारा जिले के बाहर ले जाने की बजाय स्थानीय दलालों के माध्यम से धान बेच दी गई।धान परिवहन में दर्शाए गए वाहनों द्वारा लगाई गई 614 ट्रिप में से 571 का टोल नाकों पर कोई रिकार्ड नहीं मिला। 614 ट्रिप में से 307 ट्रिप फर्जी निकली। परिवहन में दर्शाये गये वाहनों में से 44 के फर्जी रजिस्ट्रेशन नम्बर निकले।