PM ने राजस्थान में किया चुनावी शंखनाद, भाषण में राजनीति से ज्यादा विकास पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौसा में अपनी सभा के साथ राजस्थान में चुनावी शंखनाद कर दिया। मोदी का यह पिछले 3.5 महीने में तीसरा राजस्थान दौरा था। इसमें से यह पहला दौरा था जिसमें बीजेपी के मंच से मोदी ने लोगों को सम्बोधित किया।

PM ने राजस्थान में किया चुनावी शंखनाद, भाषण में राजनीति से ज्यादा विकास पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौसा में अपनी सभा के साथ राजस्थान में चुनावी शंखनाद कर दिया। मोदी का यह पिछले 3.5 महीने में तीसरा राजस्थान दौरा था। इसमें से यह पहला दौरा था जिसमें बीजेपी के मंच से मोदी ने लोगों को सम्बोधित किया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने यूं तो तमाम पहलुओं को छुआ। मगर मोदी की सभा और भाषण के पीछे का बड़ा मकसद तीन दिन पहले आए राजस्थान के लोक-लुभावन बजट को डायल्यूट करना था।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में उसी वर्ग पर फोकस किया जिस वर्ग को केंद्र में रखकर सीएम अशोक गहलोत ने अपना बजट पेश किया था। गहलोत का बड़ा फोकस युवाओं और किसानों पर था। बजट में उनके लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थीं। ऐसे में पीएम ने भी अपने भाषण में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे को किसानों और युवाओं से जोड़कर उनके लिए फायदेमंद बताया।

मोदी के मकसद को इसी से समझा जा सकता है कि बीजेपी की सभा होने के बावजूद अपने भाषण में पीएम ने लगभग 80 प्रतिशत तक भाषण सिर्फ विकास की बातों पर दिया। पीएम ज्यादातर समय तक सड़कों, पुल, पोर्ट, रेल, रोजगार, इंडस्ट्री, किसानी की बातें ही करते रहे। अंत में कुछ समय उन्होंने कांग्रेस को घेरा और राजस्थान के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार की बात कह कर बीजेपी के पक्ष में वोट करने की लोगों से अपील की।

PM  ने की हर वर्ग की बाते 

युवा : पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत युवाओं से की। दिल्ली से दौसा एक्सप्रेस वे को युवाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया। केंद्र सरकार के राजस्थान में रोड और रेल प्रोजेक्टस की बात करते हुए बताया कि रोड और रेल से ही युवाओं के लिए रोजगार बढ़ते हैं। राेड और रेल का जिक्र करते हुए बताया कि राजस्थान टूरिस्ट्स के आकर्षक का केंद्र पहले से ही है, अब रोड और रेल नेटवर्क बेहतर होगा तो टूरिस्ट ज्यादा आएंगे और इससे युवाओं का रोजगार बढ़ेगा।

किसान : एक्सप्रेस वे को मोदी ने किसानों से भी जोड़ा। फायदा गिनाते हुए कहा कि फल सब्जी उगाने वाले छोटे किसानों को इससे फायदा होगा। उनके लिए दिल्ली का बाजार अब नजदीक होगा। बाजरे का जिक्र करके भी किसानों को साधने की कोशिश की। बाजरे को श्रीअन्न नाम देते हुए किसानों को इंटरनेशनल बाजार तक पहुंच के बारे में बताया।

सैनिक : राजस्थान में बड़ी संख्या में नौजवान सेना में भर्ती होते हैं। ऐसे में अपने भाषण में पीएम ने सैनिकों पर भी फोकस किया। सैनिकों ने नाम से अंडमान में द्वीप बनाए जाने की बात कही। इसके अलावा सीमा से सटे इलाकों में सड़कें और ट्रांसपोर्ट तंत्र विकसित करने को कहा। राजस्थान से सेना में जाने वाले ज्यादातर जवान किसान परिवार से होते हैं। ऐसे में इस बहाने पीएम ने उन्हें भी साधने की कोशिश की।

पीएम मोदी का दौसा में यह कार्यक्रम पहले 4 फरवरी को होना था। मगर बाद में इसे बढ़ाकर 12 फरवरी किया गया। कार्यक्रम आगे बढ़ने से यह राजस्थान के बजट के बाद का रहा। पीएम ने बजट में गहलोत के पुराना बजट पढ़ने का जिक्र तो किया, मगर बजट में गहलोत ने जो घोषणाएं की उसे लेकर सवाल नहीं उठाया। वहीं केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रोजेक्टस के बूते विकास की बात की।