उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ हादसा , फीस जमा नहीं हो पाई तो कॉलेज ने नहीं दिया प्रवेश पत्र, छात्रा ने जान दे दी
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक और दिल दुखाने वाली घटना हुई। पिता ने फीस के जमा करने के लिए रुपये नहीं दे पाया तो परीक्षा से वंचित रह गई हाईस्कूल की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। उधर, परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने फीस न जमा कर पाने की वजह से उसे प्रवेश पत्र नहीं दिया। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अगर छात्रा प्रवेश पत्र लेने आती तो उसे मना नहीं किया जाता। डीआईओएस मामले की जांच करा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक और दिल दुखाने वाली घटना हुई। पिता ने फीस के जमा करने के लिए रुपये नहीं दे पाया तो परीक्षा से वंचित रह गई हाईस्कूल की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। उधर, परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने फीस न जमा कर पाने की वजह से उसे प्रवेश पत्र नहीं दिया। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अगर छात्रा प्रवेश पत्र लेने आती तो उसे मना नहीं किया जाता। डीआईओएस मामले की जांच करा रहे हैं।
डेरापुर के अगवासी गांव में श्रीपाल मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनकी बेटी साक्षी (15) अन्नपूर्णा इंटर कॉलेज कांधी में हाईस्कूल की छात्रा थी। साक्षी की मां की मौत दस साल पहले हो गई थी। घर का काम करने के साथ वह पढ़ाई भी करती थी। पिता मजदूरी करते हैं। वह कई माह से उसे फीस नहीं दे पा रहे थे। इससे साक्षी परीक्षा में शामिल होने को लेकर परेशान रहती थी। उसने पिता से पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा तो उन्होंने व्यवस्था न हो पाने की बात कहकर मना कर दिया। इससे आहत होकर साक्षी ने गुरुवार को कमरे के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। मृतका के चाचा देशराज ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।छात्रा के पिता श्रीपाल और चाचा देशराज ने बताया कि घर की आर्थिक स्थित ठीक न होने से फीस नहीं दे पा रहे थे, लेकिन साक्षी से कहा था कि वह कॉलेज जाकर प्रवेश पत्र लेकर परीक्षा में बैठे। आगे पूरी फीस जमा कर देंगे। परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन फीस न जमा कर पाने की वजह से प्रवेश पत्र नहीं दे रहा था। छात्रा दो बार प्रवेश पत्र लेने कॉलेज गई, लेकिन वहां से बैरंग वापस कर दिया गया। इससे वह परेशान हो गई थी।अन्नपूर्णा इंटर कॉलेज कांधी के प्रिंसपल पंकज तिवारी ने कहा कि साक्षी की फीस जुलाई में जमा हुई थी। इसके बाद कोई फीस जमा नहीं की गई। इसके बावजूद उसे कभी कॉलेज आने से नहीं रोका गया। कहा कि वह 15 दिन से कॉलेज नहीं आ रही थी और प्रवेश पत्र लेने भी नहीं आई थी। कहा कि अगर प्रवेश पत्र लेने आती तो जरूर दिया जाता। फिलहाल परिजन फीस न जमा कर पाने पर प्रवेश पत्र न देने का आरोप कॉलेज प्रशासन पर लगा रहे हैं।डीआईओएस अचल कुमार मिश्रा ने कहा कि इस प्रकरण की जानकारी उन्हें नहीं है। छात्रा और उसके परिजनों की तरफ से ऐसी कोई शिकायत भी नहीं की गई है। एक कॉलेज में छात्रा को प्रवेश पत्र न दिए जाने की जानकारी एसडीएम के माध्यम से मिली थी तो तत्काल कॉलेज संचालक से प्रवेश पत्र दिलाया गया था, अगर ये मामला भी जानकारी में आता तो छात्रा को जरूर प्रवेश पत्र दिलाया जाता। फीस न होने पर परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।