रुद्राक्ष महोत्सव में लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए रुद्राक्ष वितरण रोका, प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल

मध्यप्रदेश में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव का शुक्रवार को दूसरा दिन है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे हैं। हालांकि, फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया है।

रुद्राक्ष महोत्सव में लोगों को हो रही  परेशानी को देखते हुए रुद्राक्ष वितरण रोका, प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल

सीहोर: मध्यप्रदेश में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव का शुक्रवार को दूसरा दिन है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे हैं। हालांकि, फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया है। आयोजन के पहले दिन भारी अव्यवस्थाओं का आलम दिखा।

रुद्राक्ष की आस में दिनभर लोग लाइन में लगे रहे, लेकिन रुद्राक्ष नसीब नहीं हो पाया। रातभर भक्तों की आवाजाही लगी रही। शुक्रवार सुबह से ही धाम पर फिर से रुद्राक्ष लेने वाले लाइन में लग गए। भीड़ इतनी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। हालात यह हैं कि लाखों लोग आयोजन स्थल पर मौजूद हैं। हालांकि कल से उलट आज इंदौर-भोपाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के हालात नहीं हैं।

कुबेरेश्वर धाम और आसपास अभी करीब डेढ़ लाख लोग मौजूद हैं। बीते 2 दिनों में लगभग 5 लाख रुद्राक्ष बांटे गए हैं। गुरुवार को भोपाल-इंदौर रोड पर भारी जाम लगा था, लेकिन रात से सुबह तक पुलिस ने पूरा जाम खुलवा दिया है। भोपाल-इंदौर रोड पर और इंदौर रोड पर यातायात चल रहा है।


श्रद्धालुओं का कहना है कि अभी महोत्सव में रुद्राक्ष नहीं बंट रहे हैं। बैरिकेटिंग टूटने के कारण समिति ने फिलहाल वितरण बंद करने का फैसला लिया है। अब बैरिकेटिंग सही होने के बाद ही दोबारा से रुद्राक्ष का वितरण शुरू किया जाएगा।भोपाल से सीहोर तक सड़क की दोनों ओर 15 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार दिख रही है। लेकिन भोपाल से सीहोर और भोपाल से आष्टा की ओर सड़क पर वाहनों की आवाजाही जारी है। हालांकि वाहन 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पा रहे हैं। इसकी वजह कुबेरेश्वर धाम जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ का सड़क पर होना है।

गुरुवार को लगभग 20 से 25 लोग अपनों से बिछड़ गए थे। आज स्थिति नियंत्रण में है। गुरुवार को भारी भीड़ के कारण रुद्राक्ष वितरण केंद्र के पास लगे बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसके कारण आज रुद्राक्ष वितरण नहीं किया जा रहा है।


शुक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आप लोग यहां आए हैं, भगवान शंकर आप सब की मनोकामनाएं पूर्ण करें, मेरी यही विनती है। हमारे यहां 10 बजे से भोजन शुरू हो रहा है, 7 बजे तक चलता है, घबराने की आवश्यकता नहीं है। 22 कुओं का पानी यहां आ रहा है, लाइट चले जाने पर थोड़ी दिक्कत हो जाती है, इसके लिए माफी चाहता हूं।

हेलो, हेलो... गीता, लक्ष्मी और रिंकू की मम्मी, भोपाल वाले । गेट नंबर 1 पर पुलिस सहायता केंद्र पर आ जाइए। हम लोग यहां आपका इंतजार कर रहे हैं। पूरी रात से खोज रहे हैं, लेकिन आप नहीं मिले। यह अनाउंसमेंट सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर आश्रम पर गुरुवार को शुरू हुए रुद्राक्ष महोत्सव एवं महाकुंभ कार्यक्रम स्थल पर हो रहा है। यह केवल एक अकेला अनाउंसमेंट नहीं है, इस तरह की घोषणाओं का सिलसिला गुरुवार रात 12:00 से लगातार जारी है। इसकी वजह रुद्राक्ष महोत्सव में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ होना है। महोत्सव में शामिल होने आए लाखों श्रद्धालु रुद्राक्ष मिलने की आस में शुक्रवार सुबह तक भी कुबेरेश्वर धाम परिसर में डेरा जमाए बैठे हैं।

हैदराबाद से आई महिला भक्त ने कहा- इतनी अव्यवस्था होगी यह सोचा नहीं था। पीने का पानी तो छोड़िए बाथरूम में लॉक लगे थे। रुद्राक्ष फेंककर दिए तो बुजुर्ग समेत कई लोग दब गए। कोई पूजा वाले रुद्राक्षों को ऐसा फेंकता है क्या। पूरी पब्लिक परेशान है। मैं खुद चार दिन से परेशान हूं, फिर भी रुद्राक्ष नहीं मिला। जब 16 तारीख से रुद्राक्ष देने की बात कही थी, तो 15 तारीख को क्यों बांटना शुरू कर दिया। अब बिना रुद्राक्ष के लौट रहे हैं। पिछले साल भी महाराज जी ने ऐसा ही किया था। ऑटो वाले एक-एक व्यक्ति से 500-500 रुपए ले रहे हैं।

एक भक्त ने कहा- कोई हादसा हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। पंडित जी ने कहा था कि एक महीने का बच्चा आए, तो उसे भी रुद्राक्ष देंगे, कहां गया उनका यह किया हुआ वादा। पानी तक के लिए भटकते रहे। रुद्राक्ष तो छोड़िए पानी, खाने तक की व्यवस्था नहीं कर पाए।

रायपुर छत्तीसगढ़ से आए आरके राठौड़ ने बताया दोपहर में पिता जीएल राठौड़ की तबीयत खराब है। मैं दवाइयां लेने कुबेरेश्वर धाम के स्वास्थ्य केंद्र पर आया था, लेकिन डॉक्टर मिला न दवाइयां। यही हाल अन्य बीमार श्रद्धालुओं का भी था। वो दिन से परेशान दिखे।

पिछली बार हुई अव्यवस्थाओं से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। इस साल भी हाईवे पर जाम के हालात बने हुए हैं। हाईवे पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। जाम से हो रही परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बुलेंस भी फंस गईं।