Jabalpur News: हेलमेट चेकिंग के दौरान अधिवक्ता और एएसआई के बीच झड़प, माढ़ोताल थाने में हंगामा

Jabalpur News: Clash between advocate and ASI during helmet checking, ruckus in Madhotal police station

Jabalpur News: हेलमेट चेकिंग के दौरान अधिवक्ता और एएसआई के बीच झड़प, माढ़ोताल थाने में हंगामा

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। हेलमेट चैकिंग अभियान के दौरान पुलिस और वाहन चालकों के बीच विवाद के मामले बढ़ते जा रहे। शनिवार को माढ़ोताल थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान एक अधिवक्ता और पुलिस के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। जिसके बाद आक्रोशित अधिवक्ता माढ़ोताल थाना जा पहुंचे।

हंगामे की सूचना मिलने पर जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनीष मिश्रा भी थाना जा पहुंचे। अधिवक्ताओं का आरोप था कि वाहन चैकिंग कर रहे एएसआई ने एक अधिवक्ता और बार के सचिव के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की है। जिसमें अधिवक्ता विवेक पटेरिया को हाथ में चोट भी पहुंची है। लिहाजा एएसआई पर एफआईआर दर्ज की जाए।

जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि रविवार को अपोलो हॉस्पिटल में अधिवक्ताओं का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे विवेक पटेरिया नामक अधिवक्ता माढ़ोताल थाने के सामने से गुजर रहे थे। श्री मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस दौरान वाहन चेकिंग कर रहे स्टाफ ने उन्हें रोका, उपनिरीक्षक बिजेंद्र तिवारी ने अधिवक्ता विवेक पटेरिया के वाहन की चाबी निकाल ली।

जिसके चलते विवाद की स्थिति निर्मित हो गई, इसी दौरान बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी भी पहुंच गए। साथ ही कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे अन्य अधिवक्ता भी मौके पर पहुंच गए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष मिश्रा ने बताया कि झड़प के दौरान अधिवक्ता विवेक पटेरिया घायल हो गए।

उनके हाथ में चोट आई है। जिसको लेकर अधिवक्ता एसोसिएशन संबंधित पुलिस अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर थाने पहुंचा है। हंगामे की गंभीरता को देखते हुए सीएसपी बीबीएस गौठरिया सहित आसपास के थानों का बल माढ़ोताल थाने बुला लिया गया।

देखिए वीडियो -

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अधिवक्ताओं की शिकायत के आधार पर थाना माढ़ोताल में उप निरीक्षक बृजेश तिवारी और आरक्षक सत्यम पटेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 296, धारा 115, धारा 351 और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधन 2015) की धारा 3(1) (द) (जातिसूचक गाली देना) और धारा 3(1) (ध) (स्पर्श या संपर्क द्वारा अपमानित करना) के तहत भी प्रकरण दर्ज हुआ है।