Jabalpur News: मासूम की मौत पर न्याय दिलाने निकाला गया कैंडिल मार्च

Jabalpur News: Candle march taken out to get justice on the death of innocent child

Jabalpur News: मासूम की मौत पर न्याय दिलाने निकाला गया कैंडिल मार्च

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। शुक्रवार को उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने अग्रवाल समाज के अध्यक्ष यतीश अग्रवाल के साथ अनुराग अग्रवाल, गीता शरद तिवारी, राजेश सोनकर, रज्जू सराफ, पूर्व पार्षद संजय बघेल, विजय रजक, अख्तर अंसारी, वकील अंसारी, गुड्डू नवी श्रीमती कमलेश यादव, श्रीमती विनय प्रीति सक्सेना, श्रीमती रेखा विनोद जैन, तिलक यादव, अरूण पवार, आदि सैंकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ कोतवाली सी.एस.पी. को न्याय उचित कार्यवाही हेतु मांग पत्र सौपकर शोककुल चूड़ी व्यापारी सौरभ अग्रवाल एवं उनकी पत्नी सुरभि अग्रवाल को न्याय दिलाने की मॉंग की।

उखरी एक्सीडेंट मासूम की मौत पर न्याय दिलाने एवं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए श्री सक्सेना ने कैंडिल मार्च निकाल कर पुलिस प्रशासन से स्कार्पियो चालक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मॉंग की। पूर्व विधायक श्री सक्सेना ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि चूड़ी व्यापारी सौरभ अग्रवाल उनकी पत्नी सुरभि अग्रवाल को न्याय नहीं मिला तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगें।

श्री सक्सेना ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए प्रशासन को अवगत कराया कि 5 नवम्बर 2024 की दरमिया रात चूड़ी व्यापारी सौरभ अग्रवाल उनकी पत्नी सुरभि अग्रवाल और 3 साल के बेटे प्रणित को पीछे से एक स्कार्पियो चालक ने बेरहमी से टक्कर मार दी थी। इस घटना के बाद घायल पिता सौरभ अग्रवाल ने हमेशा इस बात को प्रमुखता से रखा है कि घायल होने के बाद भी उसने वाहन चालक से रूकने के लिए हाथ लोड़कर मिन्नत की थी।

लेकिन वह नहीं रूका और जबरदस्ती उसके बच्चे के ऊपर से और उनके वाहन के ऊपर से स्कार्पियो को चढ़ाता हुआ और इन्हें कुचलता हुआ निकल गया। घटना के तत्काल बाद पुलिस की कार्यवाही न होने से आरोपी कई घंटे तक फरार रहा। जबकि अगर वह तत्काल पकड़ा जाता तो उसके शराब सेवन की बात मुलायजे से स्पष्ट हो सकती थी और मामले की गंभीरता भी स्पष्ट हो जाती, पुलिस को साक्ष्य भी मिल जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

घटना के तत्काल बाद से लेकर अभी तक पुलिस ने घायल सौरभ अग्रवाल और उनकी पत्नी सुरभि अग्रवाल का मुलायजे नहीं करवाये हैं। यह प्रकरण की गंभीरता के प्रति लापरवाही को प्रदर्शित करता है। आरोपी पक्ष को इसका लाभ प्राप्त हो सकता है। यहॉं भी पुलिस की लापरवाही इंगित है। 

 सुरभि अग्रवाल का बयान अभी तक पुलिस ने दर्ज नहीं किया है जबकि वह भी हिसाब से की शिकार हुई है और उन्होंने अपने 3 साल के बच्चे को खोया है। सुरभि इस पूरी घटना की चश्मदीद और भुगतभोगी है और बुरी तरीके से घायल है। पुलिस ने उनके बयान अभी तक क्यों नहीं लिए, उचित न्याय एवं कार्यवाही करने पुलिस प्रशासन को ज्ञापन पत्र प्रेषित किया है।