Jabalpur News: सेना के लिए धनुष तोप बनाने वाली फैक्ट्री में रिश्वतखोरी, चार्जमेन हुआ डिमोट

Jabalpur News: Bribery in the factory that makes Dhanush cannon for the army, chargeman demoted

Jabalpur News: सेना के लिए धनुष तोप बनाने वाली फैक्ट्री में रिश्वतखोरी, चार्जमेन हुआ डिमोट

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। भारतीय सेना के लिए धनुष सहित अन्य तोपें बनाने वाली गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में रिश्वत खोरी का मामला प्रकाश में आने के बाद बड़ी कार्यवाही हुई है। जांच के बाद मामले में लिप्त पाए गए चार्जमेन कुमार संजय का डिमोशन कर दिया गया है। लंबी जांच-पड़ताल के बाद उनके वेतन को दो वर्षों के लिए पेमेंट के न्यूनतम स्तर पर ले जाने के आदेश दिए गए हैं। निर्माणी के प्रशासनिक आदेश में कहा गया है कि पटाखा दुकानों को स्थान आवंटन में कर्मचारी द्वारा कई अनियमितताएं की गईं। लिहाजा, इस दौरान वेतन वृद्धि का लाभ भी नहीं दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में पटाखा व्यापारियों से अवैध रूप से 20 हजार रुपए लेने के आरोप में एक चार्जमेन को बड़ा दंड मिला है। साल 2023 में दीपावली के दौरान हुई इस घटना की जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद, चार्जमेन को निम्नतम वेतनमान (minimum pay scale) पर पदावनत कर दिया गया है और अगले दो साल तक उसे कोई वेतनवृद्धि (इंक्रीमेंट) नहीं मिलेगा।

बताया जाता है कि यार्ड एंड इस्टेट अनुभाग में पदस्थ चार्जमेन कुमार संजय पर आरोप था कि उसने पटाखा व्यापारियों को न्यू लाइन मैदान में दुकान लगाने की अनुमति देने के नाम पर अवैध रूप से 20 हजार रुपए लिए थे। इतना ही नहीं, उसने किराए की कच्ची रसीदें भी थमाई थीं। बताया जाता है कि संपदा अधिकारी ने पहले ही दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी थी।

लेकिन पटाखा व्यापारी संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर जब चार्जमेन से मिले, तो उसने जीसीएफ प्रशासन के संज्ञान में लाए बिना ही गैर-कानूनी तरीके से दुकान लगाने की अनुमति दे दी और किराया भी वसूल लिया। मामला तब खुला जब पटाखा व्यापारियों ने जीसीएफ गेट के सामने हंगामा किया और इसकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और सीबीआई (CBI) को की।

इसके बाद, जीसीएफ के मुख्यालय कानपुर से निर्देश जारी होने पर चार्जमेन के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (जांच) शुरू की गई। व्यापारियों ने सबूत के तौर पर वीडियो और कच्ची रसीदें प्रशासन को सौंपी थीं।जांच के उपरांत, आरोप पूरी तरह से सिद्ध पाए गए।3 जुलाई को जारी आदेश में आरोपी चार्जमेन को निम्नतम वेतनमान पर पदावनत करने के साथ-साथ दो वर्ष की वेतनवृद्धि रोकने की सजा सुनाई गई है। यह कार्रवाई जीसीएफ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश देती है।