Jabalpur News: मझधार में अध्यक्ष ने छोड़ा साथ, दो राहे पर खड़े RDVV के हड़ताली कर्मी

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। प्रदेश के सबसे पुराने राज्य विश्वविद्यालय रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) के मुख्य प्रशासनिक भवन पर पिछले 23 दिनों से ताला जड़ा हुआ है। विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले 5 जिलों के विद्यार्थी और उनके अभिभावक मार्कशीट, डिग्री, माइग्रेशन आदि के काम से विश्वविद्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि उनका काम कब होगा। इस संबंध में अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत कर्मचारियों का साफ कहना है कि हम पिछले 21 महीने से विश्वविद्यालय के सामने हाथ फैलाकर थक चुके हैं, लेकिन प्रशासन ना तो खुद सुनने का तैयार है और ना ही भोपाल में बैठे उच्च अधिकारियों से समस्या का समाधान करवा पा रहा है।
अध्यक्ष के धोखे ने तोड़ दी कमर- कर्मचारियों के इस आंदोलन में दोनों गुटों ने जो कर्मचारी हित में एकजुटता दिखाई है, उसने पहले तो प्रशासन की नींद उड़ा दी थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटैल को अपनी ओर कर राहत की सांस ली है।
आंदोलनरत कर्मचारियों का मानना है कि यदि अध्यक्ष आंदोलन स्थगित करने संबंधी पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं सौंपते, तो विगत 26 को अवर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वल्लभ भवन में आयोजित बैठक का नतीजा कुछ और होता, लेकिन अध्यक्ष के पत्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर 3 सप्ताह से चल रहे आंदोलन से जो दबाव बना था, उसकी हवा निकाल दी।
अग्नि परीक्षा का समय- अक्टूबर माह में दशहरे और दीवाली की छुट्टियां भी कर्मचारियों की परेशानी का कारण बन रही हैं। हालांकि कर्मचारी नेता इस बात अड़े हैं कि तनख्वाह हो या ना हो, आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन त्यौंहारों के चलते अपेक्षाकृत कम तनख्वाह पाने वाले कर्मचारियों का दबाव भी कर्मचारी संघ पर होगा। ऐसे में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए आंदोलन को खींचना निश्चित ही चुनौतीपूर्ण होगा, जिसे कर्मचारी कैसे पार पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।