Jabalpur News: प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पहुंचे इंडिया बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज राजयोगी भ्राता भगवान भाई
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शिव स्मृति भवन के सभागार में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन किया गया।
 
                                आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शिव स्मृति भवन के सभागार में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में इंडिया बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज राजयोगी भ्राता भगवान भाई, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, भरत पाल प्राचार्य लॉ कॉलेज, स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र की राजयोग शिक्षिका बीके भावना, बहन रत्ना श्रीवास्तव, भ्राता तरुण गुहार उपस्थित रहे।
इस अवसर पर माउंट आबू राजस्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आए हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षक समाज के शिल्पकार होते है आदर्श शिक्षक आदर्श समाज का निर्माण कर सकता है। शिक्षकों के हाव भाव उठना, बोलना, चलना, व्यवहार करना इन बातो का असर भी बच्चों के जीवन में पडता है। अब समाज को शिक्षित करने व शिक्षा देने के स्वरूप को बदलने की आवश्यकता है। स्वयं के आचारण से शिक्षा देने की आवश्यकता है। आचरण की शिक्षा जबान में भी तेज होती है। वे जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) और प्रगत शैक्षीक अध्ययन संस्थान में शिक्षको को आदर्श शिक्षक और शिक्षको की समाज परिवर्तन की भूमिका विषय पर बोल रहे थे।
भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी अगर बच्चे बिगड रहे हैं उसका मतलब मूर्तिकार में भी कुछ कमी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के अंदर के जो संस्कार है उनका विद्यार्थी अनुकरण करते हे। शिक्षको को केवल पाठ पढाने वाला शिक्षक नही बनना है । उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंदर सदगुणों का आचरण होना आवश्यक है। शिक्षा मे भौतिक सुधार तो है लेकिन नैतिकता का हृास होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपने जीवन की धारणाओं के आधार से नैतिक पाठ भी आवश्यक पढाये।
भगवान भाई ने कहा कि बिगड़ती परिस्थिति को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता हैं। शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। स्वयं की धारणाओं से वाणी, कर्म, व्यवहार और व्यक्तित्व में निखार आ जाता है। उन्होंने कहा कि एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशमान होता है तो क्या पूरे जिले को मूल्य निष्ठ शिक्षा से प्रकाशित हम सब मिलकर नहीं कर सकते हैं? अब आवश्यकता है सेवाभाव की।
भरत पाल प्राचार्य लॉ कॉलेज ने कहा कि परिवर्तन करने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, शिक्षकों को स्वयं को आचरण पर ध्यान देने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ तनाव मुक्त रहने की भी आवश्यकता है। घनश्याम सोनी जिला शिक्षा अधिकारी जी ने ब्रह्माकुमारी द्वारा चलाये जा रहे इस नैतिक शिक्षा के अभियान की सराहना की । उन्होंने कहा नैतिक शिक्षा कि कमी समाज कि सभी समस्याओं का मूल कारण है।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की राजयोग शिक्षिका बी के भावना बहन जी ने बी के भगवान भाई का परिचय देते हुए कहा की बी के भगवान भाई जी ने 2010 तक भारत और नेपाल के 5000 से अधिक स्कुलो और 800 से अधिक जेलों( कारागृह) में नैतिक शिक्षा और सकारात्मक चिन्तन , अपराध मुक्त का पाठ पढ़ाया है जिस कारण उनका नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स दर्ज हो चुका है। यह सेवा उनकी अभी भी जारी है।
मूलचंद भाई जी ने ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय दिया और कहा यह संस्था विभिन्न वर्गों को आध्यात्मक ज्ञान द्वारा सशक्त बनाने कि सेवा कर रही है। कार्यक्रम के अंत में बी के वर्षा ने सभी को मेडिटेशन सिखाया और मेडिटेशन का चरित्रवान बनने में महत्त्व भी बताया गया।
 
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