जानकारी के मुताबिक सेवानिवृत्त ग्रंथपाल डीएन जैन महाविद्यालय (अशासकीय अनुदान प्राप्त) अशोक कुमार गुप्ता द्वारा पेंशन प्रकरण को लेकर एमपी हाईकोर्ट में एक याचिका 2019 में दाखिल की थी। जिसमें प्रकरण प्रभारी नियुक्त (तत्कालीन कुलसिचव) को 2 -6-2020 से 5-8-2021 तक न्यायालय में समय सीमा के अंदर प्रकरण का जवाबदावा प्रस्तुत नही किया गया। जिसके चलते याचिका कोर्ट में स्वीकृत हो गई और पीएस उच्च शिक्षा को नोटिस जारी किया गया है।
इस प्रकरण में बताया जाता है कि तत्कालीन कुलसचिव आरडीयू ने प्रकरण प्रभारी बनाए जाने पर पत्र लिखकर उच्च शिक्षा विभाग को अवगत कराया था कि संबंधित प्रकरण से विश्वविद्यालय का कोई संबंध नहीं है। लिहाजा उच्च शिक्षा विभाग को प्रकरण प्रभारी नियुक्त करना चाहिए। जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. पवन तिवारी को प्रभारी नियुक्त कर दिया था। लेकिन ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग समय रहते प्रकरण का जवाबदावा प्रस्तुत नहीं कर पाए।
न्यायालयीन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन समूचित रूप से नहीं करने पर उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. पवन शंकर तिवारी को पद के दुरूपयोग, स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही के कृत्यों के लिए राज्य शासन एतद् द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण) नियंत्रण तथा अपील, नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में डॉ. पवन शंकर तिवारी का मुख्यालय अग्रणी महाविद्यालय शासकीय विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर नियत रहेगा। इसी प्रकार डॉ.दीपेश मिश्रा को निलंबित करते हुए मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा में अटैच किया गया है।