Jabalpur News: कूटरचित दस्तावेज के आधार पर बैंक से लिया 3:50 करोड़ का लोन!
किरायानामा में वेयरहाउस संचालित करने वालों ने सुनियोजित और कूटरचित दस्तावेजों

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। किरायानामा में वेयरहाउस संचालित करने वालों ने सुनियोजित और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आईडीबीआई की शाखा पनागर से क्षेत्र के 9 किसानों के नाम पर करोड़ों का लोन ले लिया। करोड़ों के कर्ज में किश्त जमा करने का नोटिस जब किसानों के पास पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। किसानों ने बैंक से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि चंसोरिया वेयर की गांरटी पर आप लोगों ने कर्ज लिया है। प्रकरण में धोखाधड़ी होने की आशंका पर आईडीबीआई बैंक के अधिकारी पनागर थाना पहुंचे और उन्होने पूरे मामले की जानकारी देते हुए शिकायत आवेदन दिया है। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
धान तुलाई के दौरान करोड़ों रूपए का धान घोटाला चंसोरिया वेयरहाउस का नाम चर्चा रहा है। अब इसी वेयर हाउस को धर्मेद्र पटेल ने किरारानामा में लिया हुआ है। पनागर थाना पहुंचे बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि लोन के आवश्यक दस्तावेज सहित वेयर हाउस को कागजों में अनाज से भरा हुआ दर्शाया गया है। वेयरहाउस का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां अनाज की एक बोरी भी नहीं है। प्राथमिक जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि धर्मेंद्र पटेल ने जीएनटी प्राइवेट लिमिटेड को वेयरहाउस किराए पर दे दिया है।
किसानों खाते में रकम देकर कर ली ट्रांसफर-
करोड़ों की चिटिंगबाजी में जीएनटी प्राइवेट कंपनी का नाम सामने आ रहा है। पीड़ित किसानों का कहना है कि खाता खोलने के नाम पर उनसे आधार कार्ड और महत्वपूर्ण दस्तावेज लिए गए थे। जालसाजों ने बैंक अधिकारियों से सांठगांठ कर खाता खोलकर सिर्फ 3 दिन में ही किसानों के नाम पर आए लोन का आपस में बटवारा कर लिया है। किसानों ने आरोप लगाया है कि आईडीबीआई बैंक पनागर शाखा में पदस्थ कर्मचारी अधिकारी लोन पास कर किसानों के खाते में लाखों रु पए की राशि जमा कराकर बिना किसान की उपिस्थति और बिना जानकारी दिए उनके खातों से राशि आहरित कर ली गई है।
अंग्रेजी में भेजे गए नोटिस-
मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक से किसानों के पास किस्त जमा करने के नाम पर नोटिस पंहुचे। सभी नोटिस इंग्लिश भाषा में लिखे होने के कारण किसान उसे समझ नही पाए। दूसरा ओर तीसरा नोटिस आने के बाद किसान बैंक गए तो उन्हें बताया कि आप लोगों ने जो लोन लिया था, उसकी किश्त जमा करना है आपको।
49 लाख आए, फिर प्राइवेट कंपनी को दे दिए-
गोसलपुर निवासी किसान विष्णु यादव बताया कि उसे विश्वास में लेकर बैंक में खाता खुलवाया गया। बाद में पता चला की उसके खाते में 49 लाख रुपए की राशि आई थी, फिर वहीं रकम बिना जानकारी के जीएनटी नामक प्राइवेट कंपनी को भेज दी गई।