Jabalpur News: कॉलेज कैंपस में दर्जनों हरे-भरे पेड़ों का कत्लेआम, प्रबंधन ने साधी चुप्पी
Jabalpur News: Dozens of lush green trees killed in college campus, management maintains silence

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। शहर के प्रतिष्ठित अनुदान प्राप्त हवाबाग कॉलेज कैंपस में लगे दर्जनों बड़े-बड़े पेड़ों को काटकर फेंक दिया गया है।कॉलेज परिक्षेत्र में लगे इन पेड़ों को किसकी अनुमति या सहमति से काटा गया है, फिलहाल यह बताने वाला कोई नहीं हैं। इस संबंध में प्रिंसिपल से बात करने का प्रयास किया गया तो वह पेड़ कटने काटने के संबंध में कुछ भी बोलने तैयार नहीं हैं।
हवाबाग कॉलेज में कटे पेड़ों की चर्चा आसपास के क्षेत्र में आज सुबह से हो रही है। लोगों का कहना है कि कॉलेज के अंदर मैदान में लगे दशकों पुराने पेड़ों की कटाई कर दी गई है।चर्चा यह है कि लकड़ी माफिया की संबंधित अधिकारियों तक पहुंच है, माफिया पेड़ काटने के बाद रातों-रात लकड़ी गाड़ियों में भरकर दूर ले जाते हैं। पेड़ काटने के बाद वहां आग भी लगा दी गई थी।
बताते हैं कि हवाबान कॉलेज में छोटे-बड़े दर्जनों पेड़ों पर कुल्हाड़ी चली है। बीते सप्ताह में यहां एकाएक मैदान में लगे कई प्रजातियों के पेड़ों को काटा गया है। जहां से पेड़ काटे गए हैं, उस स्थान में कोई निर्माण की स्वीकृति भी नहीं है। इधर वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो संस्था अपने स्तर पर पेड़ कटवा सकती है, लेकिन नीलामी से पहले उनके विभाग से रिपोर्ट तैयार करवानी होती है। पेड़ों की मोटाई और लंबाई के हिसाब से लकड़ी की कीमत आंकी जाती है।
चर्चा यह है कि छटाई के नाम पर पेड़ों को औने-पौने दाम पर खरीद कर बिना अनुमति कटाई कर ईट भट्टे सहित आरा मिल में अधिक दाम पर बेच दिए जाते हैं। जिम्मेदारों को बिगड़ते पर्यावरण से मतलब नहीं है और न ही लगातार घटती पेड़ों की संख्या से, इनको सिर्फ पेड़ों की कटाई से मतलब है। कॉलेज में काटे गए अनेक पेड़ों की लकड़ी गायब है, केवल जड़ वाला हिस्सा मौके पर बच्चा है।