Jabalpur News: मंत्री विजय शाह पर हुई एफआईआर की ड्राफ्टिंग पर हाईकोर्ट को आपत्ति, सुधार के निर्देश
Jabalpur News: High Court objects to drafting of FIR against minister Vijay Shah, directs for correction

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज की गई FIR को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 'खानापूर्ति' करार दिया है। गुरुवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डबल बेंच - जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने सख्त नाराजगी जताते हुए FIR दोबारा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि पहली रिपोर्ट में वह धाराएं ही शामिल नहीं की गईं, जिनका स्पष्ट निर्देश बुधवार को कोर्ट ने दिया था। अदालत ने कहा है कि FIR इस तरह ड्राफ्ट की गई है मानो किसी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से की गई हो और इससे स्पष्ट होता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेने में विफल रही है।
हाईकोर्ट ने इस बात पर खास जोर दिया कि दर्ज की गई एफआईआर में न तो घटना का तथ्यात्मक वर्णन किया गया है, न ही यह बताया गया है कि किस कृत्य के कारण किन धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि FIR के पैरा 12 में केवल हाईकोर्ट के आदेश को हूबहू कॉपी-पेस्ट कर दिया गया है, जबकि कानूनी प्रक्रिया की दृष्टि से जरुरी था कि वहां पर उस कथन, वीडियो क्लिप या सार्वजनिक बयान का उल्लेख किया जाता, जिस आधार पर मामला दर्ज हुआ है।
जस्टिस श्रीधरन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कोई हत्या का जटिल मामला नहीं है, जिसमें गवाहों की तलाश करनी पड़े या परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की पड़ताल करनी हो। मंत्री का बयान एक वीडियो के रूप में सार्वजनिक है और उसमें उन्होंने क्या कहा, वह भी स्पष्ट है। ऐसे में FIR में उस वीडियो की सामग्री, वक्तव्य और आपत्तिजनक हिस्सों को क्यों नहीं जोड़ा गया? कोर्ट ने कहा कि जब FIR की बुनियाद ही कमजोर रखी जाएगी, तो भविष्य में यह पूरा मामला आरोपी के पक्ष में झुक जाएगा और न्याय की प्रक्रिया कमजोर हो जाएगी।