मनीष सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा के एलजी के कहने पर एमसीडी कमिश्नर कुछ भी लिखकर पत्र जारी कर देते हैं जानिए पूरी बात

दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को 5 अक्टूबर को स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया है। मेयर ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखा। उन्होंने कमिश्नर द्वारा घोषित स्टैंडिंग कमेटी सदस्य के चुनाव को अवैध घोषित किया है। उधर, गुरुवार को दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति सदस्य चुनाव कराने का आदेश जारी किया। चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार, मेयर और राजनिवास के बीच चले टकराव के बाद एलजी के आदेश पर आयुक्त ने रात को यह निर्देश जारी किया। इसके मुताबित समिति सदस्य का चुनाव आज दिन में कराया जाना है।
उधर, आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार उपराज्यपाल और कमिश्नर को नहीं है। यह बैठक केवल और केवल मेयर ही बुला सकती हैं। आज जो 1 बजे बैठक बुलाई गई है, वह पूरी तरह से गैरकानूनी है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा के एलजी के कहने पर एमसीडी कमिश्नर कुछ भी लिखकर पत्र जारी कर देते हैं, फिर चाहे वह ग़ैरक़ानूनी ही क्यों ना हो। एमसीडी क़ानून में साफ लिखा गया है कि काउंसिल की मीटिंग मेयर, डिप्टी मेयर या किसी सीनियर सदस्य की अध्यक्षता में ही हो सकती है। कल को अगर नरेंद्र मोदी जी मौजूद नहीं होंगे तो क्या कोई आईएएस अधिकारी बैठकों की अध्यक्षता कर सकता है? अगर नहीं तो एमसीडी बैठक की अध्यक्षता कोई अधिकारी कैसे कर सकता है?'
मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'आज भाजपा दिल्ली नगर निगम में जो करने जा रही है अगर वह हो गया तो पूरे देश में विधानसभा अध्यक्षों और लोकसभा अध्यक्ष की जगह अधिकारी ही विधानसभा और संसद की बैठकों की अध्यक्षता करने लग जाएंगे। दिल्ली नगर निगम कानून के सेक्शन 74 में साफ लिखा है कि सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है। सेक्शन 76 में साफ-साफ लिखा है कि सदन की बैठक की अध्यक्षता केवल मेयर, डिप्टी मेयर या इनकी अनुपलब्धता में कोई चुना हुआ पार्षद ही कर सकता है। भाजपा के कहने पर अब अधिकारी निगम की बैठक भी बुला रहे है और सदन की अध्यक्षता भी करने जा रहे हैं। यह सरासर असंवैधानिक और गैरकानूनी है।'
दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, 'कल रात को उपराज्यपाल के निर्देश पर कमिश्नर द्वारा एक आदेश जारी किया गया कि 'आज 1 बजे स्थायी समिति के 6वें सदस्य का चुनाव होगा'। वह आदेश पूरी तरह से अवैध है। डीएमसी एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। उपराज्यपाल के पास किसी भी प्रकार की शक्ति नहीं है कि वे हाउस की मीटिंग में हस्तक्षेप कर पाएं। कल भी भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया में खलल डाली। कल मजबूरन मुझे सदन 5 तारीख तक स्थगित करना पड़ा। अगर हम कानून की बात करें तो वैध चुनाव 5 अक्टूबर को ही होंगे। मेयर होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हों। भाजपा को समझना होगा कि नगर निगम में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी। भाजपा की क्या मंशा है कि कल रातों-रात चुनाव करवाने की कोशिश की गई?'
उधर, स्थाई समिति के एक सदस्य के रिक्त पद पर चुनाव में आम आदमी पार्टी आम शिरकत नहीं करेगी। आम आदमी पार्टी आप कार्यालय में मौजूद आपसे जुड़े लोगों ने बताया कि उनकी पार्टी के पार्षद सदन में नहीं आएंगे। उपराज्यपाल के निर्देश पर सदन की बैठक हो रही। मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर पार्षद मुकेश गोयल ने बैठक की अध्यक्षता करने से मना किया। इस कारण आयुक्त ने अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव को पीठासीन अधिकारी बनाया।