Jabalpur News: कलेक्टर की सख्ती का असर, एचएलएल इंफ्रा टेक पर 50 हजार का जुर्माना, मरीजों के पैरों को चूहों द्वारा कुतरने का मामला

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज में पेस्ट कंट्रोल एवं सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसिस लिमिटेड पर अस्पताल अधीक्षक द्वारा 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। ज्ञात हो कि मेडीकल कॉलेज में मरीजों के चूहों द्वारा पैर कुतरने का मामला सामने आने के बाद कल मंगलवार की रात कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने मेडिकल कॉलेज पहुँचकर मनोरोग विभाग का निरीक्षण किया था।
कलेक्टर श्री सिंह ने इस मामले में अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश अस्पताल अधीक्षक को दिए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अरविंद शर्मा द्वारा कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देशानुसार अस्पताल की सफाई व्यवस्था एवं पेस्ट कंट्रोल में लापरवाही बरतने पर अर्थदंड अधिरोपित करने के जारी आदेश में कहा गया है कि अर्थदंड की राशि कंपनी के देयक से वसूल की जायेगी।
आदेश में कहा गया है कि अस्पताल की नियमित साफ-सफाई किये जाने के पूर्व में मौखिक और लिखित निर्देश दिये जाने के बावजूद निरीक्षण के दौरान कचरा एकत्रित करने हेतु चयनित स्थान एवं मनोरोग विभाग के आस-पास गंदगी पाई गई। चूहों की रोकथाम हेतु रखी जाने वाली गम प्लेट भी केवल एक ही स्थान पर पाई गई और दवाइयां अत्याधिक कम मात्रा में मिलीं।
इस लापरवाही एवं कर्तव्य के प्रति उदासीनता की वजह से चिकित्सालय की छवि धूमिल हुई है। अस्पताल के अधीक्षक ने आदेश में एच एल एल इंफ्रा टेक के प्रबंधक को पेस्ट कंट्रोल का सुपरविजन करने वाले एवं पेस्ट कंट्रोल करने वाले कंपनियों के कर्मचारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही कंपनी को तत्काल स्पष्टीकरण प्रस्तुत की हिदायत भी दी गई है।
जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति गठित
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में मरीजों और अटेंडर के पैर चूहों द्वारा कुतरने के मामले की जांच के लिए अस्पताल अधीक्षक द्वारा तीन सदस्यों की जांच समिति गठित की गई है। मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग के प्राध्यापक डॉ. अशोक विद्यार्थी की अध्यक्षता में गठित इस जांच समिति में सहायक अधीक्षक डॉ. राकेश सिंह गढ़वाल एवं कार्यवाहक मेट्रन श्रीमती मनीषा लाल को सदस्य नियुक्त किया गया है। समिति को तीन दिन के भीतर अपने अभिमत सहित जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।