Jabalpur News: 1918 में बने एम्पायर थियेटर पर चला जिला प्रशासन का बुलडोजर
एक समय शहर की पहचान रहे मशहूर एम्पायर थियेटर को मंगलवार 6 अगस्त को पूरी तरह से जमीनदोज कर दिया गया।

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। एक समय शहर की पहचान रहे मशहूर एम्पायर थियेटर को मंगलवार 6 अगस्त को पूरी तरह से जमीनदोज कर दिया गया। दरअसल,1990 में बंद हुए एम्पायर थियेटर के सामने का हिस्सा वर्ष 2012 में बारिश में गिर गया था। 12 साल में एम्पायर थियेटर का हर तरफ का हिस्सा जीर्ण-शीर्ण हो गया था, जिसके गिरने की हमेशा आशंका बनी रहती थी। इस बीच रक्षा मंत्रालय की ओल्ड ग्रांट लीज को रद्द करते हुए भूमि पर अपना कब्जा ले लिया था। कुछ दिनों तक तो आर्मी के जवान यहां तैनात रखें गये, लेकिन वर्तमान में परिसर लावारिस हालत में था। महज डिफेंस लैंड का बोर्ड लगा छोड़ दिया गया था।
समय के साथ एम्पायर थियेटर की दीवारों पर पेड़ और पौधे उग आए हैं। इनसे दीवारों में दरारें आने लगी थी। बारिश से दीवारों की दरारों में पानी भर रहा था। इसससे एम्पायर थियेटर का शेष हिस्सा कभी भी धराशायी हो सकता है, लिहाजा कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर 6 अगस्त को शेष जर्जर भवन को भी जेसीबी की मदद से गिरा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि एम्पायर थियेटर का निर्माण वर्ष 1918 में हुआ था। पहले यहाँ पर डांस के कार्यक्रम हुआ करते थे। इसके बाद यहाँ पर मेडम बिलेमी ने फिल्में दिखानी शुरू की। वर्ष 1952 में प्रेमनाथ ने एम्पायर थियेटर खरीदा था। एम्पायर थियेटर की बाई तरफ प्रेमनाथ का बंगला है, जो अब जर्जर हो चुका है।