Jabalpur News: RDVV कुलगुरू पर लगे अभ्रद इशारे का मामला पहुंचा एमपी हाईकोर्ट,सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश

Jabalpur News: Case of indecent gesture against RDVV Vice Chancellor reached MP High Court, instructions to keep CCTV footage safe

Jabalpur News: RDVV कुलगुरू पर लगे अभ्रद इशारे का मामला पहुंचा एमपी हाईकोर्ट,सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। एक बैठक के दौरान रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) कुलगुरू प्रोफेसर राजेश वर्मा द्वारा महिला अधिकारी को किए गए अभद्र इशारे का मामला अब एमपी हाईकोर्ट जा पहुंचा है। याचिका में rdvv कुलगुरू के खिलाफ उनके द्वारा दर्ज कराई गई यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई उपरांत जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने rdvv रजिस्ट्रार और जबलपुर कलेक्टर से यह सुनिश्चित करने को कहा कि घटना के दिन कुलगुरू कार्यालय का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित हो और उसके साथ छेड़छाड़ न की जाए।

दरअसल, महिला अधिकारी  ने अपनी याचिका में कहा कि राज्य महिला आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश के बावजूद उसकी शिकायत की जांच नहीं की जा रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अगर जांच में देरी हुई तो संस्थान के प्रमुख होने के नाते कुलगुरू सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि कुलगुरू ने उनके प्रति अभद्र टिप्पणियां और इशारे किए। उन्होंने यौन उत्पीड़न पर विश्वविद्यालय समिति, राज्य महिला आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई। महिला आयोग ने कुलगुरू से विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति से जांच कराने को कहा है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने भी कुलगुरू से उनकी शिकायतों की जांच का आदेश देने को कहा, लेकिन जांच नहीं करायी गयी।

उन्होंने कहा कि कुलगुरू प्रो. राजेश वर्मा ने उन्हें 21 नवंबर को अपने केबिन में बुलाया। उनके साथ अन्य सहकर्मी भी थे और वह उनमें से एकमात्र महिला थीं। उनका आरोप है कि कुलगुरू ने अपने सहकर्मियों के सामने उन पर अश्लील टिप्पणियां कीं और भद्दे इशारे किए। महिला अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने वीसी के केबिन की उस दिन की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी, लेकिन उन्हें मुहैया नहीं कराई गई।
याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, rdvv और कलेक्टर जबलपुर की ओर से पेश वकीलों ने कुलगुरू के खिलाफ जांच शुरू करने के निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा। याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रार्थना की कि वह इस बीच कुलगुरू के कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश दे, जिसके बाद जस्टिस विशाल मिश्रा ने अंतरिम आदेश पारित किया।