Jabalpur News: टैक्स क्रेडिट के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले सहाय को ईओडब्ल्यू ने झारखंड रांची से किया गिरफ्तार
Jabalpur News: EOW arrested Sahay, who committed fraud of crores in the name of tax credit, from Jharkhand Ranchi

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे को ईओडब्ल्यू ने झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार किया है। धोखाधड़ी से हासिल किए गए दस्तावेजों से बोगस फर्म बनाकर फर्जीवाड़ा करता था। वह कागजों में खरीदी-बिक्री दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता था। उसने अपने गिरोह के माध्यम से सरकार को 34 करोड़ रुपए की राजस्व क्षति पहुंचाई है।
विनोद कुमार सहाय को ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को जबलपुर जिला अदालत में पेश किया। जहां से उसे 2 जुलाई तक की रिमांड पर भेज दिया है। दरअसल, जबलपुर के प्रताप सिंह लोधी ने शिकायत कराई की थी। इसके बाद वाणिज्य कर विभाग जबलपुर की सहायक आयुक्त वैष्णवी पटेल और ज्योत्सना ठाकुर ने अपनी रिपोर्ट में आपराधिक साजिश कर जीएसटी चोरी के संकेत दिए थे। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने जांच की तो पाया गया कि विनोद कुमार सहाय ने वर्ष 2019-2020 के दौरान प्रताप सिंह लोधी, दीनदयाल लोधी, रविकांत सिंह और नीलेश कुमार पटेल से संपर्क किया।
वह खुद को पहले एनके खरे बताता था। उसने इन लोगों को यह कहकर झांसा दिया कि ऋण प्राप्त करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। इस बहाने से आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट, कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज खसरा, किस्तबंदी खतौनी, ऋण पुस्तिका और बिजली बिल हासिल कर लिए। फिर उसने इन व्यक्तियों के नाम पर फर्जी फमें बनाईं।
प्रताप सिंह लोधी के नाम पर 7 फरवरी 2020 को मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स और दीनदयाल लोधी के नाम पर 13 अगस्त 2019 को मेसर्स नमामि ट्रेडर्स रजिस्टर्ड कराई। वहीं, रविकांत सिंह के नाम पर 19 फरवरी 2020 को मेसर्स मां रेवा ट्रेडर्स और नीलेश कुमार पटेल के नाम पर 26 फरवरी 2020 को मेसर्स अभिजीत ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन कराया।
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि इन पंजीकृत पतों पर कोई वास्तविक व्यवसायिक गतिविधि संचालित नहीं हो रही थी। ये फर्म केवल कागजों पर मौजूद थीं। विनोद सहाय ने इन फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपए की फर्जी आउटवर्ड सप्लाई (बिक्री) दर्शाई थी। फर्जी बिलों के आधार पर, उसने बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ अन्य व्यवसायियों को दिलाया।
यह ITC वास्तविक माल या सेवा के आदान-प्रदान के बिना ही जनरेट किया गया था। 34 करोड़ का नुकसान जांच के दौरान पता चला कि अभी तक विनोद सहाय ने कुल 33 करोड़ 80 लाख 43 हजार 252 रुपए का फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया है। इन फर्मों में किसी भी प्रकार की वस्तु/सेवा की वास्तविक आपूर्ति नहीं हुई है। आरोपी ने सभी रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड, पैन, मोबाइल, ईमेल का दुरुपयोग कर किए है। एनके खरे उर्फ विनोद सहाय ने सभी फर्मों की आईडी-पासवर्ड, बैंक खाता, ईमेल अपने पास रखे। इन फर्मों से फर्जी बिल बनाकर दूसरी फर्मों को लगभग 34 करोड़ के टैक्स क्रेडिट पास ऑन किया गया।