Jabalpur News: प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन से कला जगत शोक, अनेक बार जबलपुर भी आए थे जाकिर

Jabalpur News: Art world mourns the demise of famous tabla player Zakir Hussain, Zakir had also come to Jabalpur many times.

Jabalpur News: प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन से कला जगत शोक, अनेक बार जबलपुर भी आए थे जाकिर

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। प्रसिद्ध तबला वादक, पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर से सम्पूर्ण कला जगत में शोक की लहर है। हालांकि उनके बिगड़े स्वास्थ्य के चलते निधन की अफवाह भी फैल गई थी लेकिन बाद में यह कन्फर्म हो गया कि सैन फ्रांस्सिको के एक अस्पताल में उन्होने अंतिम श्वांस ली है। बता दें कि उस्ताद जाकिर हुसैन को पांच बार ग्रैमी अवार्ड भी मिले हैं। पांच बार ग्रैमी अवॉर्ड मिले हैं।

उल्लेखनीय है कि उस्ताद जाकिर हुसैन ने तबला वादन को एक ऐसी ऊंचाई पर ले जा कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है जिसमें जिन्हे तबले के सुर-ताल की समझ नहीं हो तो उनके भी मुंह से बरबस ही निकल जाता था वाह उस्ताद वाह..ऐसे में आज उनके निधन की सूचना से समूचा कला जगत शोक मग्न है। उनसे जुड़े संस्मरणों की चर्चा कला जगत में चल रही है।

बहुत कम उम्र से जबलपुर आ रहे उस्ताद
चूंकि जबलपुर में उस्ताद जाकिर हुसैन का पांच बार आगमन हुआ है। 1987 के आसपास संगीत समाज और रसिक प्रिया द्वारा होमसाइंस कॉलेज सभागार में आयोजित एक समारोह में वे पहली बार जबलपुर आए थे। उसके बाद एक बार वे मानस भवन में आयोजित एक समारोह में आए थे। अपनी बहुत कम उम्र में वे एक बार पंडित जसराज के ग्रुप में भी उस्ताद जाकिर हुसैन जबलपुर आ चुके हैं। इसके अलावा आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी कोलकाता द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के चलते वे एक से अधिक बार जबलपुर आए थे। इसलिए जबलपुर के तबला वादकों सहित सम्पूर्ण कला जगत में इस बात की चर्चा है।

9 मार्च 1951 को जनमे थे
बता दें कि उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म महाराष्टÑ के मुम्बई में 9 मार्च 1951 को हुआ था। कल सोशल मीडिया पर उनके निधन के समाचार चलने के बाद अनेक लोगों ने उन्हे श्रद्धांजलि दी लेकिन देर रात पता चला कि वे अभी भी अस्पताल में हैं इसलिए असमंजस की स्थिति बन गई थी। उसके बाद देर रात उनके निधन की सूचना कन्फर्म हो गई और आज सुबह के अखबारों में यह खबर भी प्रकाशित हो गई। संगीत कला क्षेत्र से जुड़े अनिल मोघे और सचिन उपाध्याय ने बताया कि उस्ताद जाकिर हुसैन जबलपुर में अनेक बार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।