Jabalpur News: आयुध निर्माणी जबलपुर (OFJ) के डीजीएम लांबा पर भ्रष्टाचार का आरोप, सीबीआई ने की पूछताछ
Jabalpur News: DGM Lamba of Ordnance Factory Jabalpur (OFJ) accused of corruption, questioned by CBI

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। आयुध निर्माणी जबलपुर (OFJ) जिसे पहले जीआईएफ के नाम से जाना जाता था। यहां हालही में स्थांतरित होकर आए डीजीएम दीपक लांबा से मंगलवार की शाम सीबीआई की टीम ने उनके निवास पर सघन पूछताछ की है। मामला नागपुर स्थित एक आयुध निर्माणी में पदस्थ रहने के दौरान पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम देने से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
सीबीआई ने पूर्व में ही लांबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बताया जाता है कि लांबा ने अपने परिजनों की कंपनी को टेंडर दिलाने के लिए नियमों को तोड़ा और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।सूत्रों की मानें तो सीबीआई की टीम बुधवार को जबलपुर में डेरा जमाए हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि अंबाझरी नागपुर के पूर्व उप महाप्रबंधक (डीजीएम) दीपक लांबा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। यह मामला नागपुर स्थित यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी डी. के. टी. गुप्ता की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। गुप्ता की शिकायत के अनुसार लांबा ने एक निजी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।इस फर्म को लांबा का एक रिश्तेदार ने बनाया था।
फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके इस फर्म को टेंडर दिए गए।लांबा ने अपने चचेरे भाई मोहित ठोलिया के नाम पर ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज नामक फर्म बनाई। उस वक्त लांबा आयुध निर्माणी के उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। लांबा ने ठोलिया की फर्म को सरकारी ठेके दिलाने के लिए कथित तौर पर निविदा शर्तों में हेराफेरी की। फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर ठोलिया की फर्म को ठेके दिए गए।
सीबीआई की जांच में फर्म के बैंक खातों और लांबा तथा उनके परिवार के सदस्य जिनमें भाई, पत्नी, बहन और मां शामिल हैं, के बीच कई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन का खुलासा हुआ। इसके आधार पर सीबीआई ने लांबा और उनके परिजनों के कार्यालय तथा निवास सहित चार स्थानों पर तलाशी ली।
तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए, सीबीआई को जांच में आयुध निर्माणी के अन्य अधिकारी और बाहरी लोगों की लिप्तता होने का संदेह है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा आपराधिक साजिश के लिए 120 (बी), धोखाधड़ी के लिए 420, जालसाजी और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के लिए 468 और 471 शामिल हैं। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत धारा 61 (2), 318 (4), 336 (3), और 340 (2) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।