Jabalpur News: कैंट कें ओल्ड ग्रांट बंगलों में कौन-कौन रहता है,आर्मी ने शुरू किया सर्वे

Jabalpur News: Army started survey to find out who lives in old grant bungalows in Cantt

Jabalpur News: कैंट कें ओल्ड ग्रांट बंगलों में कौन-कौन रहता है,आर्मी ने शुरू किया सर्वे

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। केंद्र सरकार कैंट के सिविल एरिया को समीपस्थ निकायों के हवाले करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है। इस बीच आर्मी ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले बंगलों व बगीचों को लेकर सर्तकता बरतना शुरू कर दी है। आर्मी स्टेशन सेल ने कैंट सीमा में आने वाले ओल्ड ग्रांट बंगलों का आडिट शुरू कर दिया है। इस आडिट के पीछे सुरक्षा का हवाला दिया जा रहा है।

इस आडिट या सर्वे के दौरान आर्मी स्टेशन सेल के अधिकारियों के साथ ही डिफेंस ईस्टेट आफिस (डीईओ), मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विंस (एमईएस) व कैंट बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं विवाद की स्थिति बनने पर पुलिस बल की भी मदद ली जाएगी। बात साफ है कि इस बार आर्मी स्टेशन सेल ने खुद जमीनी हकीकत को परखने का मन बना लिया है। इस सर्वे के परिणाम क्या होंगे, यह तो भविष्य की परिस्थितियां ही बताएंगी।

जानकारी के मुताबिक कैंट जबलपुर में करीब 29 ऐसे बंगले हैं जिन्हें ओल्ड ग्रांड पर दिया गया था। उक्त बंगलों में से ज्यादात्तर में सिविल लोग ही रह रहे हैं। वहीं कुछ बंगले मरम्मत नहीं होने या फिर खाली होने के चलते धराशाही हो चुके हैं। जिनमें से कुछ को आर्मी स्टेशन सेल ने अपने प्रबंधन में भी ले लिया है। वहीं कुछ में अभी भी ग्रांट प्राप्त परिवार रह रहे हैं।

बताया जाता है कि पिछले दिनों आर्मी स्टेशन सेल ने ओल्ड ग्रांट बंगलों (ओजीबी) आडिट प्रारंभ कराया है। जिसके तहत गठित की गई टीम ओल्ड ग्रांट बंगले में जाएगी एवं वर्तमान में बंगले में रह रहे परिवार का नाम उसके सदस्यों का नाम रिकार्ड में लेगी। इसके अलावा बंगले की निर्धारित भूमि में अगर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है या फिर किरादार के तौर पर अन्य कोई परिवार रह रहे हैं। तो उनका भी वेरिफिकेशन किया जाएगा।

सभी का आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी। उक्त पूरी कार्यवाही की वीडियों ग्राफी भी कराई जाएगी। वहीं एमईएस व कैंट बोर्ड की टीम दस्तावेज में दर्ज बंगले की लंबाई - चौड़ाई के आधार पर वर्तमान स्थिति का आकलंन करेंगी। जिसके लिए बंगले की नपाई भी करायी जाएगी। इस सर्वे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जमीन बेचने वालों के छुट रहे पसीना - कैंट में ज्यादात्तर ओल्ड ग्रांट बंगलों की खुली जमीनों की प्लाटिंग कर बेचा जा चुका है। अब इस सर्वे में यह बात भी सामने आ जाएगी। क्योंकि सर्वे टीम मुख्य ग्रांट धारक के साथ ही बंगले की भूमि में रह रहे अन्य लोगो से भी पूछताछ करेंगी। वहीं इस बात की जानकारी भी ली जाएगी कि वे उक्त भूमि में किस हैसियत से निवास कर रहे हैं। साथ ही संबंधितों का आधार कार्ड भी लिया जाएगा। यह बात तो सभी जानते हैं कि बंगलों की भूमि को सौ-सौ रूपए के स्टेम्प पेपर में बेचा गया है।