Jabalpur News: 'या अली, या हुसैन' के नारों से गूंजी मदन महल पहाड़ी
Jabalpur News: Madan Mahal hill reverberated with slogans of 'Ya Ali, Ya Hussain'

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। मुहर्रम की 7 तारीख (सफर की रात) के अवसर पर जबलपुर नगर और उपनगर के इमामबाड़ों में सुबह से ही चहल-पहल बनी रही। शहर की मुस्लिम बस्तियों में जगह-जगह लंगर और छबील (पानी और शरबत का वितरण) का इंतजाम किया गया। मदन महल दरगाह में सवारियों द्वारा सलामी पेश करने के लिए प्रमुख जुलूस पथ, छोटी बजारिया से मदन महल दरगाह तक, नूरानी नौजवान लंगर कमेटी, शान लंगर कमेटी, अमन एकता कमेटी, हुसैन एकता कमेटी, हैदरे लंगर कमेटी, अमर एकता कमेटी, कर्बला लंगर कमेटी और गौसे आजम लंगर कमेटी द्वारा जायरीनों के लिए लंगर, छबील और पानी का एहतेमाम किया गया।
कमेटियों ने आकर्षक विद्युत सज्जा भी की थी, जिसने माहौल को और भी रोशन कर दिया। हैदरे लंगर कमेटी, मुजावर मोहल्ला के संयोजन में 30 देग मटर पनीर पुलाव का इंतजाम किया गया। लंगर की शुरुआत में कमेटी के नौजवानों द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल में इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों को लंगर वितरित किया गया। इसी प्रकार, जमायते कादरी के वारिस कादरी, रोशन कादरी, जवाहर कादरी, अफजल कादरी, अशफाक कादरी, हाफिज असद कर्बलाई, शहवाज खान गामा, अमान कादरी, अयाज कादरी और अरशद कादरी ने सवारी के हिंदू-मुस्लिम मुजावरों को दूध के प्याले पेश किए।
उन्होंने पुलिस प्रशासन, मीडिया कर्मियों और समाजसेवकों का भी इस्तकबाल (स्वागत) किया। सिटी कोतवाली बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला के सामने, मरहूम शेख मुन्ना नियाजी और मरहूम अब्दुल रऊफ बाबा नियाजी के इमामबाड़े में मोहर्रम की 7 तारीख को हाजी शेख जमील नियाजी, हाजी शेख मुबीन नियाजी, हाजी शेख अनवार नियाजी और हाजी बाबा सैयद शेख अमीन कर्बलाई साहब की सरपरस्ती में जायरीनों के लिए चाय-पानी का इंतजाम किया गया। सफर की रात के जुलूस में शामिल हजारों जायरीनों ने इस आयोजन में शिरकत की।
इस मौके पर मोहम्मद रईस नियाज़ी, मीर फैज़ान अली नियाज़ी, हाजी मोहम्मद अनीस नियाज़ी, मोहम्मद अबरार नियाज़ी, मोहम्मद हुसैन नियाज़ी आदि उपस्थित रहें। जनसैलाब उमड़ा, मदन महल पहाड़ी गूंजी 'या अली, या हुसैन' के नारों से रात्रि 8 बजे से ही गढ़ा के जुलूस पथ पर जायरीनों का आना शुरू हो गया, जो देखते ही देखते भारी जनसैलाब में बदल गया।
बैंड-बाजों के साथ निकली सवारियों में बड़े मुजावरों के साथ-साथ मासूम बच्चों पर भी 'हाल' की आमद हुई। अकीदतमंदों ने बाबा साहब लोगों से अपनी मुरादें बताईं और बाबा साहब ने मुरादें पूरी होने की दुआ दी। बैदरा मोहल्ला में रखी जाने वाली दशकों पुरानी मरहूम पीरू मुजावर मरहूम यासीन मुजावर की सवारी देर रात्रि में सूफी निजाम बाबा के नेतृत्व में मदन महल दरगाह पहुंची और सलामी पेश की। मदन महल पहाड़ी रात भर 'या अली, या हुसैन' के नारों से गूंजती रही!