Jabalpur News: फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाले संगठित गिरोह का एसटीएफ ने किया भांडाफोड़, 25 लाख के 21 दो पहिया वाहन जप्त
Jabalpur News: STF busts organized gang financing vehicles with fake documents, 21 two-wheelers worth Rs 25 lakh seized

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। जबलपुर एसटीएफ इकाई द्वारा फर्जी दस्तोवज के वाहन फाइनेंस कराने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया।
निरीक्षक निकिता शुक्ला ने बताया कि एसटीएफ इकाई जबलपुर को एक सूचना प्राप्त हुई कि एक गिरोह द्वारा सीधे साधे लोगों के दस्तावेजों से फर्जी दस्तावेज तैयार कर वाहनों को फाइनेंस करवाया जा रहा है। इन वाहनों को ग्रामीण इलाकों जैसे सिवनी व अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है। सूचना के तारतम्य में पीडिता रांझी निवासी गीता कुशवाहा के बयान दर्ज किए गए। गीता कुशवाहा ने बताया कि प्रशांत एवं उसके एक परिचित ने लोन दिलाने की बात कहकर उसके दस्तावेज लिए और उनके जरिए वाहन फाइनेंस करा लिए।
इसके बाद उसने दस्तावेज वापस कर दिए। गीता द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु मोबाईल फाइनेंस के लिये दुकान पहुंचनें पर पता चला कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है। उक्त संगठित अपराध की सूचना को एसटीएफ टीम द्वारा गोपनीय रूप से तस्दीक उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध फर्जीवाड़ा की पुष्टी पर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
आरोपी प्रशांत कुशवाहा के बयान दर्ज किए गए, जिसमें पता चला कि उसके साथ गिरोह में इन्द्रजीत, विवेक सिंह राजपूत, प्रवीण सोनी समेत अन्य महिलाएं शामिल है। प्रशांत, विवेक सिंह एवं इन्द्रजीत लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज लेते और फिर उनके जरिए वाहन फाइनेंस करवा लेते। आरोपी छद्म लोगों का उपयोग शोरूम से वाहन उठवाने करते थे। शहर के लगभग सभी शोरूमों से इनके द्वारा वाहन फाइनेंस कराये गये है।
दौरान विवेचना पता चला कि आरोपी प्रशांत कुशवाहा उत्तर प्रदेश में है। मुखबिर से सूचना मिली कि वह ट्रेन से जबलपुर आ रहा है। सूचना पर टीम ने जबलपुर स्टेशन पर राहुल रघुवंशी व टीम द्वारा उसे दबोच लिया गया। प्रशांत को ट्रेस करने में राहुल रघुवंशी की सराहनीय भूमिका रही। विवेचना में एसटीएफ द्वारा 21 दो पहिया वाहन एवं बड़ी संख्या में धोखाधड़ी कर तैयार किये गये दस्तावेजों को जप्त किया गया है।
ज्वेलर्स देता था डाउन पेमेन्टः-
विवेचना दौरान पता चला कि धनौरा में ज्वेलर्स शॉप संचालित करने वाला प्रवीण सोनी फर्जी दस्तावजों से वाहन खरीदने के लिए डाउन पेमेन्ट करता था। इसके साथ ही उसके द्वारा प्रवीण और इन्द्रजीत को भी रुपए दिए जाते थे। वाहन फाइनेंस होने के बाद प्रशांत और इन्द्रजीत वाहन प्रवीण को दे देते, जिसे प्रवीण महंगे दामों में ग्रामीण इलाकों में बेच देता था और वाहन मालिक को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होती थी।
एजेंट भी संदेह के दायरे में:-
आरोपियों ने कोटक महिन्द्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस समेत कई कम्पनियों के एजेंट्स के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। टीम द्वारा उक्त एजेंटों का भी पता लगाया जा रहा है, वहीं वाहन फाइनेंस के वक्त छद्म बनकर पहुंचने वालों की भी तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय भूमिकाः उक्त संगठित अपराध का भांडाफोड करने में निरीक्षक निकिता शुक्ला, प्रधान आरक्षक विनय कोरी, प्रधान आरक्षक अंजनी पाठक, प्रधान आरक्षक विजय तिवारी, आरक्षक राहुल रघुवंशी, आरक्षक प्रवीण बावरिया, आरक्षक राहुल रजक, आरक्षक रूपेश राय और आरक्षक राहुल यादव की सराहनीय भूमिका रही।
गिरफ्तार आरोपी का विवरण:-
1. प्रशांत कुशवाहा, निवासी रांझी आरोपी द्वारा वाहन फाइनेंस कराने में दलाली का कार्य करता था।
2. इन्द्रजीत कुशवाहा, निवासी रांझी आरोपी सीधे साधे लोगो को दो पहिया वाहन फाइनेंस कराता था।
3. प्रवीण सोनी, निवासी धनौरा जिला सिवनी आरोपी द्वारा ऋणशुदा दो पहिया वाहन प्राप्त कर अन्य व्यक्तियों को बेचता था।