Jabalpur News: RDVV कुलगुरु ने महिला अधिकारी को अभद्र इशारे किए थे... या... नहीं... होगी जांच

Jabalpur News: RDVV vice-chancellor had made indecent gestures to a female officer... or... not... investigation will be done

Jabalpur News: RDVV कुलगुरु ने महिला अधिकारी को अभद्र इशारे किए थे... या... नहीं... होगी जांच

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) कुलगुरू प्रो. राजेश वर्मा पर एक महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर राज्य महिला आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम के तहत गठित कमेटी को सौंपी गई है। RDVV कुलसचिव कार्यालय को उक्त आशय का पत्र मिल चुका है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जांच के निर्देश तब जारी हुए है जब महिला अधिकारी ने पुन: राजभवन से गुहार लगाई थी।

जानकारी के मुताबिक 21 नवंबर 2024 को कुलगुरू कार्यालय में हुए एक घटनाक्रम को लेकर RDVV की एक महिला अधिकारी ने 22 नवंबर 2024 को राज्य महिला आयोग और राजभवन को शिकायत भेजी गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बैठक के दौरान उक्त महिला अधिकारी को कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा ने अनुचित आचरण का सामना करना पड़ा। महिला अधिकारी ने कुलगुरू पर अशोभनीय टिप्पणी व अभद्र इशारे और प्राय: अपमानित व मानसिक रूप से प्रताडित करने की शिकायत भेजी थी।
करीब एक माह बीतने के बाद राज्य महिला आरोग ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जबलपुर कलेक्टर को पत्र जांच कराने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन के महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्राप्त हुए निर्देशों के परिपालन के लिए कुल सचिव आरडीयू को पत्र भेजते हुए महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम, 2013 की धारा 4 के तहत गठित आंतरिक समिति को उक्त शिकायत की जांच कर प्रतिवेदन भेजने को कहा हैं।

क्या थी शिकायत -
राज्य महिला आयोग को भेजी गई शिकायत में महिला अधिकारी ने बताया था कि 21 नवंबर 2024 को कुलगुरु और उनके दो अधीनस्थों के साथ बैठक के दौरान कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा के अनुचित आचरण का सामना करना पड़ा। शिकायत में कहा गया है कि, कुलगुरु ने मेरे अधीनस्थों को निर्देश देते समय मेरे प्रति अनुचित व्यवहार किया। उन्होंने आगे कहा कि यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। उन्होंने कहा कि एक महिला अधिकारी के प्रति ऐसा व्यवहार बेहद निराशाजनक, बेहद अनुचित और अस्वीकार्य है। शिकायत में बताया गया कि, उसी शाम लगभग 6 बजे कुलगुरु ने सार्वजनिक रूप से परीक्षा तिथि विस्तार के बारे में उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाया, जबकि कुलगुरु को पता था कि, एक अन्य अधिकारी समन्वयक था।