Jabalpur News: RDVV में अब श्रमसाध्य के लिए संग्राम, कर्मचारियों ने कुलगुरू को दिया अल्टीमेटम

Jabalpur News: Now fighting for labor in RDVV, employees gave ultimatum to Vice Chancellor

Jabalpur News: RDVV में अब श्रमसाध्य के लिए संग्राम,  कर्मचारियों ने कुलगुरू को दिया अल्टीमेटम

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में अब श्रमसाध्य को लेकर घमासान शुरू हो गई है। मंगलवार को कर्मचारियों ने कुलगुरू कार्यालय में एक पत्र सौंपते हुए तत्काल श्रमसाध्य का भुगतान किए जाने की मांग रखी है। कर्मचारियों ने अल्टीमेंटम दिया है कि आज 30 अक्टूबर को भुगतान नहीं हुआ तो, सोमवार 4 नवंबर से विश्वविद्यालय का कामकाज ठप कर देंगे,जिसकी जिम्मेदारी कुलगुरू की होगी।

अभी कुछ दिनों पहले ही कर्मचारियों का आंदोलन आश्वासन के बाद स्थगित हुआ था। उक्त मामला अभी संभला ही नहीं है कि फिर कर्मचारियों ने प्रशासन से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। सबसे मजे की बात यह कि पहले तो कुलगुरू अपने पाले की गेंद कुलसचिव कार्यालय की ओर फेंक का पल्ला झाड़  लेते थे। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में तो उनका यह दाव भी नहीं चलेगा। लिहाजा अब बजट का हवाला दिया जा रहा है।

परीक्षा-गोपनीय में हो गया भुगतान-
श्रमसाध्य की मांग कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन 5 जुलाई को जारी किए गए आदेश क्र.स्था.2024/39943 से कुछ कर्मचारियों को कुलगुरू का अनुमोदन मिलने के उपरान्त श्रमसाध्य भत्ता प्राप्त हो गया है। लेकिन हम सभी बेहद व्यथित एवं दुखी हैं कि दीपावली पर्व परअधिकांश कर्मचारी-अधिकारी को इस लाभ से वंचित रखा गया है। जबकि लेखा शाखा में यथा समय सभी विभागों ने श्रमसाध्य देयक प्रस्तुत कर दिए हैं। लिहाजा विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल कार्यवाही करते हुए आज शेष कर्मचारियों को श्रमसाध्य भत्ता के भुगतान कर देना चाहिए। कर्मचारियों के बैंक खाता में राशि नहीं पहुंचने पर 4 नवंबर से कर्मचारी क्रमिक अनशन बैठेंगे।

समन्वय समिति के निर्णय ने उलझाया-
 श्रमसाध्य को लेकर सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों में विवाद की स्थिति बनती देख कुलाधिपति की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति में उक्त मुद्दा रखा गया था। ताकी श्रमसाध्य भुगतान को लेकर एकरूपता लायी जा सके। बताया जाता है कि समन्वय समिति की बैठक में यह तय किया गया था कि परीक्षा कार्यो में संलिप्त समस्त विभागों के कर्मचारियों को श्रमसाध्य का भुगतान किया जाएगा। बात साफ है कि विश्वविद्यालय के जितने भी विभाग के कर्मचारी परीक्षा कार्यो में अपने सेवा देते है। वे सभी श्रमसाध्य के अधिकारी बन गए है।