Jabalpur News: RDVV कुलगुरू के आदेश को कर्मचारियों ने दिखाया ठेंगा, बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं करा रहे दर्ज

Jabalpur News: Employees defied the order of RDVV Vice Chancellor, not registering biometric attendance.

Jabalpur News: RDVV कुलगुरू के आदेश को कर्मचारियों ने दिखाया ठेंगा, बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं करा रहे दर्ज

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में कर्मचारी बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगाने की जगह कुलगुरू के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। दरअसल,मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने शासकीय कार्यालयों में पांच दिवसीय वर्किंग का आदेश देने के साथ ही साथ कर्मचारियों की उपस्थिति का समय सुबह दस बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया था। जिसका अनुपालन करते हुए एक जुलाई से आरडीयू में भी जो कर्मचारी पांच दिवसीय वर्किंग का लाभ ले रहे हैं। उन्हें सुबह 10 बजे कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश कुलगुरू द्वारा दिए गए थे। लेकिन कुलगुरू के सख्त चेतावनी भरे आदेश को कर्मचारी ठेंगा दिखा रहे हैं। करीब तीन माह बीतने के बाद भी कर्मचारी अपने ढर्रे पर चल रहे है।

बायोमैट्रिक मशीन में नही दर्ज करा रहे उपस्थिति -
दूरदराज के क्षेत्रों से अपनी समस्या लेकर आने वाले छात्रों को कोई भी परेशानी न हो और विश्वविद्यालय के कर्मचारी समय पर अपनी कुर्सी संभाल ले। इस बात को ध्यान में रखते हुए आरडीयू प्रशासन ने करीब 18 स्थानों कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमैट्रिक मशीने लगाई। विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य साफ था कि बायोमैट्रिक मशीन में उपस्थिति दर्ज कराने तो कर्मचारी को कार्यालय पहुंचना ही पड़ेगा। लेकिन देखने में आ रहा है कि बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं जो बायोमैट्रिक मशीन में उपस्थिति दर्ज ही नही करा रहे हैं। सबसे आर्श्चय की बात तो यह कि कई कर्मचारियों ने तो अभी अपना बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने हेतु पंजीयन ही नही कराया है। अब विश्वविद्यालय के हालात को खुद ही समझा जा सकता है।
ऑन लाइन उपस्थिति के आधार पर वेतन देने में आनाकानी -
पूरी व्यवस्था का फेल होने के पीछे मुख्य कारण यह है कि आॅन लाइन बायोमैट्रिक मशीन में दर्ज होने वाली उपस्थिति के आधार पर वेतन नहीं बनाया जा रहा है। दरअसल, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश जारी किया था, तब यह बात भी तय कि गई थी कि बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही वेतन दिया जाएगा। ताकी कर्मचारी वेतन कटने के डर से समय पर आए। लेकिन उक्त आदेश को प्रभावी बनाने में विश्वविद्यालय के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। जिसके चलते कर्मचारी निरकुंश हो गए हैं।