Jabalpur News: सेंट्रल जेल में गोबर मिट्टी से बन रहीं ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा

नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में हर साल की तरह इस बार भी मिट्टी और गाय के गोबर से ‘ईको फ्रेंडली गणेश मूर्ति’ बनाने का कार्य कैदी/बंदियों द्वारा शुरू कर दिया गया है।

Jabalpur News: सेंट्रल जेल में गोबर मिट्टी से बन रहीं ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा
Jabalpur News: सेंट्रल जेल में गोबर मिट्टी से बन रहीं ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा
Jabalpur News: सेंट्रल जेल में गोबर मिट्टी से बन रहीं ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में हर साल की तरह इस बार भी मिट्टी और गाय के गोबर से ‘ईको फ्रेंडली गणेश मूर्ति’ बनाने का कार्य कैदी/बंदियों द्वारा शुरू कर दिया गया है। जेल प्रशासन का उद्देश्य है कि जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और भागवान की मूर्ति नहीं ले पाते उनको इसका लाभ मिल सकेगा। जेल प्रशासन निर्धारित संख्या में गणेश मूर्ति नि:शुल्क भी देगा, ताकि लोग अपने घर में ले जाकर गणराज पूजन कर सकें। सेंट्रल जेल में कुछ बंदी ऐसे भी है, जो अच्छे मूर्तिकार हैं। ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा बनाने का जिम्मा 50 से अधिक कैदी/बंदियों ने उठाया है, मूर्तियों का निर्माण कार्य जेल में तेजी से चल रहा है।

जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर का कहना है कि पीओपी से बनी मूर्तिया और केमिकलयुक्त कलर से रंगी मूर्तियों से जल एवं पर्यावरण संबंधी प्रदूषण अत्यधिक तेजी से फैलता है। पर्यावरण बनाए रखने के लिए इकोफ्रैंडली मिट्टी की श्रीगणेश मूर्ति बनाने के लिए शुद्ध मिट्टी और गाय के गोबर से मिश्रण तैयार किया जाता है और फिर श्रीगणेश प्रतिमा के अलग अलग हिस्सों को बनाकर उन्हें एक संपूर्ण आकार दिया जाता है। जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि गणेश मूर्ति बनाने का कार्य शुरू हो गया है, इसमें कई मूर्ति बना भी ली गई हैं, जल्द ही मूर्तियों को पूर्ण रूप दिया जाएगा।  यह मूर्तियां बगीचे काली मिट्टी और जेल में स्थित गोशाला से गोबर मिलाकर तैयार की जा रही है। इसमें रंग भी प्राकृतिक ही उपयोग किए जा रहे हैं। मृर्तियों में तुलसी के बीच भी रखे गए हैं। घर में प्रतिमा का विसर्जन कर पानी को गमले में डाल देंगे, तो कुछ दिन बाद तुलसी का पौधा तैयार हो जाएगा। जेल से मूर्तियां ले जाने वालों के लिए एक शर्त रहेगी कि वह गणेश प्रतिमा का पूजन कर उनका विसर्जन घर में ही करेंगे, इसी शर्त के साथ ही गणेश प्रतिमाएं दी जाएंगी।  

बंदी ने बताया प्रतिमा बनाने का आसान तरीका-
सेंट्रल जेल में करीब 5 साल से सजा काट से कैदी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आसनी से गणेश प्रमिता बनाने के लिए सबसे पहले एक लकड़ी के पटे के ऊपर मिट्टी को रोटी जैसा मोटा गोल आकार दें, उसके ऊपर बप्पा की मूर्ति बनाने की शुरु आत करें। मिट्टी की मदद से गणेश जी की मूर्ति का बेस बनाएं। अब मिट्टी का एक बॉल बनाकर गणेश जी के आसन के रूप में उसे चिपकाएं, इसके बाद मिट्टी की मदद से उसे शेप देते हुए से गजानन का पैर , हाथ, पेट, सीना, सूंढ, कान, और चेहरा बनाते हुए मिट्टी के आभूषण बनाए। नुकीली चीज की मदद से मूर्ति को फिनिशिंग देते हुए गणेश जी की आंखें बनाएं। गणेश जी के पैरों पर रेखाएं बना लें जो देखने में बेहद अच्छी लगती है ताकि उनकी धोती का लुक उभर कर आए। मिट्टी से एक मोदक बनाकर उसे गणेश जी के हाथ पर रख दें।