Jabalpur News: सांसद निधि से चंडी मढिया में हुए निर्माण को केंट बोर्ड ने बताया अवैध, हाईकोर्ट ने दीपावली बाद दिए तोड़ने का आदेश

Jabalpur News: Kent Board termed the construction done from MP funds in Chandi Madhiya as illegal, High Court ordered demolition after Diwali.

Jabalpur News: सांसद निधि से चंडी मढिया में हुए निर्माण को केंट बोर्ड ने बताया अवैध, हाईकोर्ट ने दीपावली बाद दिए तोड़ने का आदेश

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। सदर बाजार गली नंबर 23 स्थित एक प्राचीन रानी दुर्गावती के शासन काल में बनी गोंडवाना कालीन मढ़िया पर अब दीपावली बाद बुल्डोजर चलेगा। एमपी हाईकोर्ट में केंट बोर्ड के अधिवक्ता ने मढ़िया में चल रहे सांसद निधि के कार्यो को अवैध करार दिया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने दीपावली के बाद पहले सप्ताह में मढ़िया में किए गए निर्माण को धाराशाही कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

याचिका पर अगली सुनवाई 11 नबंवर को होगी। वहीं कोर्ट ने मढ़िया में चल रहे निर्माण कार्यो को अवैध करार देते हुए याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता को सुरक्षा प्रदान किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। यहां गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर केंट बोर्ड का अमला निर्माण तोड़ने नवरात्रों के दौरान गया था,लेकिन महिलाओं ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया था। जिसके चलते कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था।

एक लाख सत्तर हजार हुए थे स्वीकृत -
पुरात्व महत्व की मढ़िया और स्थानीय लोगों की आस्था को देखते हुए तत्कालीन सांसद ने मढ़िया के निर्माण के लिए सांसद निधि से करीब एक लाख सत्तर हजार की राशि स्वीकृत की थी। जिसके बाद सक्षम ऐजेंसी ने टेंडर व निर्माणाधीन भवन का डिजाइन तैयार करते हुए काम प्रारंभ करा दिया था। शर्तों के तहत तीन माह में निर्माण कार्य पूरा किया जाना था, लेकिन मंदिर का छत डाले जाने के बाद से वहां निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

क्या है मामला-
केंट सर्वे क्र.143/822 (भाग) गली नं. 23 सदर बाजार की शासकीय भूमि पर स्थित गोंडवाना कालीन दुर्गा मढ़िया में चल रहे निर्माण कार्य को लेकर पिछले दिनों पड़ोस में ही रहने वाले सौरभ बावरिया नामक व्यक्ति ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। याचिका में सांसद निधि से हो रहे निर्माण को अवैध बताते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसके बाद केंट बोर्ड की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत अधिवक्ता ने भूमि रिकार्ड को प्रस्तुत करते हुए मढ़िया को दो दिनों के अंदर हटा देने की अंडरटेेंकिंग दे दी थी। कोर्ट ने याचिका क्र.19773/2024 में केंट बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा दिए गए जबाव पर मढ़िया हटाने के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन निर्धारित समय सीमा में निर्माण को हटाया नही जा सका। जिसके बाद याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई करते हाईकोर्ट के समक्ष सभी पक्ष उपस्थित हुए। सुनवाई के उपरांत कोर्ट ने दीपावली के बाद पहले सप्ताह में निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए है।

केंट बोर्ड मढ़िया का नहीं बता पाया महत्व
इस पूरे प्रकरण में केंट बोर्ड प्रशासन की भूमिका भी चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, मढ़िया गोंडवाना कालीन होने के साथ ही साथ उसका पुरातत्विाक महत्व कोर्ट ने नहीं बता पाया। केंट बोर्ड उक्त भूमि को शासकीय तो बता रहा है,लेकिन मढ़िया कब से वहां बनी हुई है। इस बात से कोर्ट को अवगत नही कराया। वहीं यह बात भी कोर्ट में रखी जानी चाहिए थी कि निर्माण कार्य भी शासकीय पैसे हो रहा है।