एमपी में कमाल..एक अधीक्षण यंत्री को बनाया जल संसाधन विभाग का ईएनसी..अमित शाह ने कहा था
इन्हें सस्पेंड किया जाएगा, पांच सौ करोड़ अग्रिम भुगतान के आरोपी हैं भोपाल। मध्य प्रदेश में जो हो जाए, कम है। बड़े अफसरों के मामले में कंगाल जल संसाधन विभाग में एक कमाल और हो गया है। एक अधीक्षण यंत्री को प्रमुख अभियंता यानी ईएनसी f'kf'kj dq'kokgk dks महत्वपूर्ण पद सौंप दिया गया। ये भी तीन माह पहले रिटायर हो चुके हैं और एक परियोजना में पांच सौ करोड़ रुपए एडवांस भुगतान के आरोपी हैं। मजे की बात ये है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा में इसी अधिकारी को सस्पेंड करने का ऐलान करके गए थे। आज सत्ताईस जून को एक आदेश जारी हुआ है। आदेश कमांक 945/1340747/2023/ पी-1 /31: विभाग के आदेश कमांक इस 396/1187608/2023/ पी-1 /31 दिनांक 17.03.2023 के अनुक्रम में श्री शिशिर कुशवाहा, प्रभारी मुख्य अभियंता (केन्द्रीयकृत निविदा इकाई एवं बजट) कार्यालय प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग को एतद् द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के रिक्त पद का अतिरिक्त प्रभार अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक सौंपा जाता है। इन्हे प्रभारी मुख्य अभियंता भी नियम के तहत नौ बनाया गया था। दस अधीक्षण यंत्री वरिष्ठ हैं विभाग में, लेकिन कुशवाह को प्रभारी सीई बना दिया। तीन माह पहले ये रिटायर हो गए। फिर इन्हें संविदा पर रखा गया। अब ईएनसी बना दिया। कुशवाह सिवनी में प्रमुख अभियंता के प्रभार में थे, तब छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स मामले में पांच सौ करोड़ एडवांस भुगतान का मामला चर्चा में आया था। इस मामले में कार्यपालन यंत्री को तो सस्पेंड कर दिया, ये बच गए। छिंदवाड़ा में एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह के संज्ञान में ये मामला लाया गया तो उन्होंने मंच से कहा की इस अधिकारी को सस्पेंड किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी यहां मौजूद थे। कुशवाह पेंच परियोजना फेस वन और टू में कथित अनियमितताओं के आरोपी भी हैं। इसमें भी एडवांस पेमेंट किया गया। दोनो मामले में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शर्मा और महाजन को सस्पेंड किया गया। मुख्य अभियंता हर बार बचते रहे। बताया जाता है कि पूरा मामला सीएम कार्यालय से संपन्न हुआ है, मंत्री तुलसी सिलावट से साइन कराए गए। आज जब pm नरेंद्र मोदी भोपाल यात्रा पर आए हुए थे, उसी दौरान ये आदेश जारी कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि जल संसाधन विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों का भारी टोटा है। ईएनसी स्तर का एक भी अफसर नही है। मुख्य अभियंता के एक दर्जन पद खाली हैं। पूरा विभाग अधीक्षण यंत्री और कुछ रिटायर अफसर चला रहे हैं भोपाल से राजेंद्र जैन की रिपोर्ट