Jabalpur News: बिलहरी कब्रिस्तान में हंगामा, धरने पर बैठे रहवासी, आर्मी ईस्टेट ऑफिस ने दिए थे बेदखली के नोटिस

Jabalpur News: Ruckus in Bilhari cemetery, residents sit on dharna, Army Estate Office had given eviction notices

Jabalpur News: बिलहरी कब्रिस्तान में हंगामा, धरने पर बैठे रहवासी, आर्मी ईस्टेट ऑफिस ने दिए थे बेदखली के नोटिस
Jabalpur News: बिलहरी कब्रिस्तान में हंगामा, धरने पर बैठे रहवासी, आर्मी ईस्टेट ऑफिस ने दिए थे बेदखली के नोटिस

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। कैंट बिलहरी स्थित क्रिश्चिन कब्रिस्तान में रह रहे परिवारों के बेदखली नोटिस के बाद से हडकंप मचा हुआ है। आज मंगलवार की सुबह जैसे ही आर्मी का वाहन कब्रिस्तान के गेट पर खड़ा हुआ, दहशतजदा परिवार सड़क पर आ गए। उन्होने ने बेदखली की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। आर्मी द्वारा मकानों को हटाए जाने की आशंका को देखते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी धरना स्थल पर जा पहुंचे। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर जा पहुंचे।

जानकारी के मुताबिक बिलहरी कब्रिस्तान के अंदर करीब 8 परिवार रहते हैं। उक्त परिवार के सदस्यों का कहना है कि वो पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं और कब्रिस्तान की व्यवस्थाओं में अपना योगदान देते चले आ रहे हैं। उनका दावा है कि उक्त कब्रिस्तान ब्रिट्रिश कालीन है और उनके परिवारों को कब्रिस्तान की कब्रों की देखरेख के लिए ब्रिट्रिश शासकों ने तैनात किया था। उनका दावा यह भी है कि उक्त कब्रिस्तान की भूमि ना तो प्रदेश शासन के आधीन है और ना ही केंद्र सरकार के आधीन है। लिहाजा उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता है।

वहीं आर्मी ईस्टेट ऑफिसर ने 24 फरवरी को नोटिस जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि अधिनियम की धारा 5-ए की उपधारा (1) के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए सर्वेक्षण संख्या 386 पर लगभग 6750 वर्ग फीट में निर्माण किया गया है। आर्मी का दावा है कि 11 मार्च 2019 को लिखित नोटिस द्वारा 20 मार्च 2019 तक उक्त भवन हटाने को कहा गया था। लिहाजा अधिनियम की धारा 5-बी की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए कब्रिस्तान में रहे भीम सिंह पुत्र स्वर्गीय सूरज पई, मनोज कोरी पुत्र स्वर्गीय सूरज पाल, वीरेंद्र कोरी पुत्र स्वर्गीय हेमंत कोरी, मुकेश कोरी पुत्र स्वर्गीय हेमंत कोरी को आदेश दिया गया था कि 4 मार्च तक मकानों हटा लें। अन्यथा उक्त कार्य को संपदा अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा ध्वस्त कर दिया जाएगा।