Jabalpur News: स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज की सुरक्षा में भारी लापरवाही, पिपरिया से अचानक लापता हुए संत भुसावल में मिले

Jabalpur News: Huge negligence in the security of Swami Ramnareshcharya Ji Maharaj, saint who suddenly went missing from Pipariya was found in Bhusawal

Jabalpur News: स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज की सुरक्षा में भारी लापरवाही, पिपरिया से अचानक लापता हुए संत भुसावल में मिले

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। भोपाल से जबलपुर आ रहे रामानंद संप्रदाय के प्रधान आचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज के अचानक रेलवे स्टेशन से लापता हो जाने के मामले में नया अपडेट आया है। जीआरपी ने भुसावल रेलवे स्टेशन में उन्हें सुरक्षित ट्रेन से उतार लिया है।

दरअसल, गुरुवार की सुबह श्रीधाम एक्सप्रेस ट्रेन से भोपाल से संत रामनरेशाचार्य जी महाराज विशेष सुरक्षा के साथ जबलपुर आ रहे थे। बताया जाता है कि पिपरिया रेलवे स्टेशन में संत ट्रेन से नीचे उतरे, लेकिन वो वापस अपनी ट्रेन पर नहीं चढ़ पाएं।

इधर, इस पूरे घटनाक्रम से बेखबर जबलपुर पहुंचे उनके सुरक्षा कर्मियों ने जीआरपी थाना पहुंच कर संत के लापता होने की सूचना दी। हालांकि यह पूरा मामला उनकी सुरक्षा में बरती घोर लापरवाही का भी है। जबलपुर जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि सुबह से चल रही खोजबीन के बाद स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज भुसावल रेलवे स्टेशन में ट्रेन उतार लिया गया है।

संभवतः किसी भ्रम की स्थिति के चलते वे पिपरिया रेलवे स्टेशन से वे भुसावल की ओर जाने वाली ट्रेन में चढ़ गये होंगे। उनके जबलपुर पहुंचने पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।उल्लेखनीय है कि जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी के वर्तमान पीठाधीश्वर हैं। इस पीठ को सगुण और निर्गुण रामभक्ति परंपरा और रामानंद संप्रदाय का मूल गादी होने का गौरव प्राप्त है। रामानंद संप्रदाय को वैरागी और रामावत संप्रदाय भी कहा जाता है। श्रीवैष्णव संप्रदाय में यह साधु, संतों, श्रीमहंतों की सबसे बड़ी जमात है।

 देश में सबसे ज्यादा व्यवस्थित मठ, आश्रम और साधु-संत इसी संप्रदाय के हैं। जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हराव की पहल पर गठित रामालय ट्रस्ट के संयोजक रहे हैं। उस ट्रस्ट में द्वारका पीठ और ज्योतिष पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती और श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी भारतीतीर्थ जी भी थे।

स्वामी रामनरेशाचार्य जी ने राममंदिर आंदोलन को लोकव्यापी बनाने के लिए पूरे भारत की यात्रा की थी। रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन से श्रीमठ का जुड़ाव आरंभ से ही रहा है। जब रामजन्मभूमि न्यास पहली बार गठित हुआ तो उसके अध्यक्ष जगदगुरु शिवरामाचार्य थे, जो श्रीमठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर थे। उनके निधन के बाद ही स्वामी रामनरेशाचार्य जी को रामभक्ति परंपरा की मूलपीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी पर प्रतिष्ठित किया गया।