इंदौर की एमटीएच हॉस्पिटल में 2 बच्चों की मौत पर परिजन ने हंगामा किया

प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामे को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर को अमला भेजना पड़ा गुरुवार को दो बच्चों की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। एक बच्पचे के परिजन ने आरोप लगाया कि नर्सों ने देर रात एक बच्चे को पाउडर मिलाकर इंजेक्शन से दूध मुंह में प्रेशर से डाल दिया था। जो बच्चे के गले में जाकर अटक गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह भी कहा कि यहां खराब दूध की वजह से बच्चों की मौत हो रही है। अस्पताल में हंगामा करते हुए परिजन ने नर्स और डाक्टर्स से भी झूमाझटकी की। वहीं प्रबंधन अभी एक बच्चे की मौत फीडिंग के दौरान और दूसरे की मौत का कारण निमोनिया बताया रहा है। बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिजन का कहना है कि बच्चे की तबियत बिगड़ने पर भी नर्स उसे देखने नहीं आई और मोबाइल में गाने सुनती रही। बच्चे को समय पर इलाज मिल जाता तो यह हादसा नहीं होता। अपने नवजात बच्चे को खो चुकी मां ने आरोप लगाए कि बच्चे की तबियत रात में खराब थी लेकिन कोई उसे देखने के लिए नहीं आया। रातभर उसे इलाज नहीं मिल सका। सुबह जब डाक्टर आए तो उन्होंने बताया कि बच्चे की सांस बहुत तेज चल रही है और इसके बाद उसे आईसीयू में ले गए लेकिन वह बच नहीं सका। मां ने कहा कि रात में नर्स ने पाउडर मिलाकर इंजेक्शन से बच्चे को दूध पिलाया था जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई थी। अस्पताल में हंगामे के बाद कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि लापरवाही से कई बच्चों की मौत का मामला गलत है। जो लोग हंगामा कर रहे हैं उन्हें नियंत्रित करने के लिए अमला भेजा गया है। अस्पताल में अभी बड़ी संख्या में बच्चे और माताएं भर्ती हैं उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। दो बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने जो आरोप लगाए हैं उनकी भी जांच कर रहे हैं। इंदौर से रजनी सिंह राजपूत की रिपोर्ट

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