Jabalpur News: एक शिक्षक के भरोसे 94 नोनिहाल छात्रों का भविष्य!
निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूली पर की गई कार्रवाई से निजी स्कूलों पर लगाम तो लगाई जा चुकी है,

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूली पर की गई कार्रवाई से निजी स्कूलों पर लगाम तो लगाई जा चुकी है, लेकिन शासकीय स्कूलों पर पढाई का स्तर सुधारने जब तक कठोर कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक शासकीय स्कूलों के हालात नही सुधरेंगे। शासकीय स्कूलों में पढाई का स्तर नहीं सुधरेगा, तब तक अभिभावक निजी स्कूलों पर ही निर्भर रहेंगे, खासकर ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे कई शासकीय स्कूल हैं जिनमें शिक्षकों की आज भी कमी है। कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या दर्ज है, लेकिन राजनीतिक या शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कृपा में अनेक शिक्षक शहर की स्कूल में अटेच हैं, या फिर ट्रेनिंग के नाम से स्कूल नहीं आते। आलम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में सिर्फ गरीब परिवार के बच्चे ही पढते हैं, जो पढने स्कूल तो जाते हैं, लेकिन उन्हें पढाने वाला कोई नहीं है।
पनागर विकासखंड के शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला बम्हौरी में पहली से आठवीं तक के 94 छात्र-छात्र पढाई के लिए आते हैं। स्कूल में इस समय सिर्फ एक ही टीचर है। शिक्षक को पढाई के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल को पूरी जानकारी भी अदान-प्रदान करनी होती है। स्कूल में पांचवीं का छात्र चौथी कक्षा पढा रहा है। चौथी का छात्र तीसरी, दूसरी और पहली की कक्षाओं को अपने अनुरूप संचालित कर रहा है। स्कूल रिकॉर्ड में पदस्थ शिक्षक एमएड की 2 वर्ष की ट्रेनिंग में चले गए हैं, जिन्हें विभाग भेजता है। इन 2 वर्षों में उनका वेतन समय पर उनके खाते मेंदे दिया जाता है। प्राथमिक स्कूल में 1 अतिथि शिक्षिका हैं वह अकेली कक्षा पहली से पांचवी तक के 50 बच्चों को और कक्षा 6 से 8 तक के 44 छात्रों को पढा रही हैं। स्कूल में अध्यनरत छटवीं कक्षा के छात्रों को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम नहीं मालूम। 7वीं कक्षा के छात्रों को अपने शिक्षक का नाम ही पता है।