Jabalpur News: डीएन जैन कॉलेज में ताला लगाने की तैयारी..! , गवर्निंग बॉड़ी की बैठक में प्रस्ताव आते ही भड़के मेबर्स

Jabalpur News: Preparation to lock DN Jain College..! Members got angry as soon as the proposal came in the Governing Body meeting.

Jabalpur News: डीएन जैन कॉलेज में ताला लगाने की तैयारी..! , गवर्निंग बॉड़ी की बैठक में प्रस्ताव आते ही भड़के मेबर्स
Jabalpur News: डीएन जैन कॉलेज में ताला लगाने की तैयारी..! , गवर्निंग बॉड़ी की बैठक में प्रस्ताव आते ही भड़के मेबर्स

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। 1 जुलाई 1949 को स्थापित हुए महाकोशल के सबसे पुराने ज्ञान-दान का प्रतीक डी.एन. जैन महाविद्यालय में ताला लगाने की तैयारी चल रही हैं। दरअसल, वर्तमान प्रबंधन को ऐसा लगता है कि अब महाविद्यालय लाभ देने की स्थिति में नहीं हैं। लिहाजा बिना आर्थिक लाभ के इस महाविद्यालय को संचालित करना औचित्यहीन है। इसी प्रेरणा के साथ प्रबंधन ने गत दिवस महाविद्यालय को बंद करने का प्रस्ताव गवर्निंग बॉडी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। लेकिन प्रस्ताव के आधार को सुन गवर्निंग बॉडी के मेंबर भड़क गए। उनका कहना था कि महाविद्यालय की स्थापना आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश नही की गई थी। वैसे भी शैक्षेणिक संस्थानों को लाभ कमाने के उद्देश्य से स्थापित नहीं किया जाता है।

जानकारी के मुताबिक 9 जनवरी को डीएन जैन महाविद्यालय की गवर्निंग बॉडी बैठक आयोजित हुई। बताया जाता है कि बैठक के ऐजेंड़ पर चर्चा के दौरान ही एक मेंबर के द्वारा अचानक महाविद्यालय को बंद करने का प्रस्ताव रख दिया गया। उक्त प्रस्ताव को चर्चा के लिए अध्यक्ष रवींद्र कुमार सिंघाई द्वारा स्वीकार कर लिया गया। लेकिन उक्त प्रस्ताव के अचानक रखे जाने का विरोध भी शुरू हो गया।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में मौजूद अधिवक्ता पंकज दुबे ने अध्यक्ष से जानना चाहा कि आखिर महाविद्यालय बंद करके यहां खोला जाएगा। इस पर एक अन्य मेंबर से बताया कि यहां पर शापिंग मॉल बनाने की योजना है। इस बात पर ऐतराज करते अधिवक्ता पंकज दुबे ने कहा कि नियमानुसार यह कैसे संभव है। वहीं यूजीसी के अनुदान से बने भवन का क्या होगा। वहीं इस ऐतिहासिक शैक्षेणिक संस्थान के बंद करने का समाज पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इसलिए महाविद्यालय के बेहतर संचालन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। वैसे भी महाविद्यालय को संचालन लाभ के लिए नहीं किया जाता है। यदि कोई आर्थिक परेशानी है तो फाउंडेशन सोसाइटी से सहयोग लेना चाहिए। जिसे नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ कर लौटा दिया जाएगा। इस बात का बैठक में मौजूद शासन के प्रतिनिधि व अन्य मेंबर्स ने भी किया। वही महाविद्यालय बंद कर शापिंग मॉल बनाने के पक्ष वाले मेंबर इस बात से सहमत नही थे। जिसके चलते बैठक में तीखी नौंक झौंक भी हुई।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर की स्थापना 1 जुलाई, 1949 को महाविद्यालय की स्थापना दानवीर स्वर्गीय सवाई सिंघई मुन्नी लाल जी जैन और स्वर्गीय श्री भागवत शरण औधोलिया के द्वारा की गयी। शैक्षिक उन्नयन एवं विकास के आयाम के साथ महाविद्यालय, अपने शिक्षण कार्यकाल के लिए जबलपुर शहर में स्थापित और प्रसिद्ध है। महाविद्यालय डी. एन. जैन बोर्डिंग हाऊस सोसायटी जबलपुर के अन्तर्गत संचालित है। महाविद्यालय शहर के हृदय में मालवीय चैक शहीद स्मारक पथ में स्थित है।