Jabalpur News: अपात्र कॉलेजों के छात्रों को सूटेबल कॉलेजों में 30 दिनों में करो ट्रांसफ़र, नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
Jabalpur News: Transfer students of ineligible colleges to suitable colleges within 30 days, High Court gives instructions in nursing college fraud case

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। नर्सिंग फ़र्ज़ीवाडे मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका में हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने मामले की सुनवाई कर महत्वपूर्ण आदेश दिये हैं । हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के पालन में आज अपात्र संस्थाओं की मान्यता और संबद्धता की ओरिजनल फ़ाइलें सरकार की ओर से पेश की गई, जिस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेश दिए हैं कि सभी फाइलों का अवलोकन कर अपनी रिपोर्ट सौंपे।
जिसमें तुलनात्मक रूप से यह बताना होगा कि जो कॉलेज सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए उन्हें आखिर किन परिस्थितियों में और किन- किन कमियों के होते हुए भी निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा अनुमतियां दी गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब पीआईएल के याचिकाकर्ता को हजारों दस्तावेजों सहित फाइलों का महाधिवक्ता कार्यालय में अवलोकन कर अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने वाले जिम्मेदारों के नामो सहित तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में भी संपूर्ण प्रदेश के कॉलेजों की मान्यता की फाइलें तलब कर याचिकाकर्ता को अवलोकन करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद याचिकाकर्ता द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में प्रदेश में कागजों में चल रहे कॉलेजों और फैकल्टी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था ।
जिन छात्रों का एडमिशन सीबीआई जांच में पाया गया, वही होंगे नामांकन और परीक्षा हेतु पात्र - हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सीबीआई जांच में जिन कॉलेजों में कोई छात्र प्रवेशित होना नहीं पाए गए हैं, उन कॉलेजों के छात्रों को एनरोलमेंट और परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी । दरअसल याचिकाकर्ता ने आवेदन पेश कर हाईकोर्ट को बताया कि कई कॉलेजों द्वारा सीबीआई जांच के समय सीबीआई को बताया गया था कि उनके कॉलेजों में कोई भी छात्र प्रवेशित नहीं, और कई कॉलेजों ने सीबीआई को एडमिशन के रिकॉर्ड दिखाने से इंकार कर दिया था । इसी आधार पर सीबीआई ने भी हाईकोर्ट में सौंपी।
सीबीआई रिपोर्ट में इन कॉलेजों में छात्रों का एडमिशन नहीं होना बताया है ,लेकिन बाद में जब हाईकोर्ट ने छात्रहित में सभी श्रेणी पात्र, अपात्र और डिफिशिएंट कॉलेजो के छात्रों को नामांकन कर परीक्षा में बैठाने के निर्देश दिए । वे सभी कॉलेज छात्रों के बैक डेट पर एडमिशन दर्शा कर एनरोलमेंट और परीक्षा में बैठाने के आवेदन कर रहे हैं साथ ही वे कॉलेज भी छात्रों का एनरोलमेंट कराना चाहतें हैं जो सीबीआई जाँच में अस्तित्व में होना नहीं पाये गये हैं, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए नए निर्देश दिए हैं , जिस कारण से अब कॉलेजों और छात्रों के एनरोलमेंट सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही किए जाएंगे ।
अनसुटेबल कॉलेजों के छात्रों को सूटेबल कॉलेजों में करो ट्रांसफर, एक माह में होगी पूरी प्रक्रिया - याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष एक अन्य आवेदन पेश कर बताया कि नर्सिंग कौंसिल द्वारा अपात्र लाए गए कॉलेजों के छात्रों को सूटेबल कॉलेजों में ट्रांसफर नहीं किया जा रहा है जिससे हजारों छात्रों के भविष्य का संकट उत्पन हो गया है , और अनसुटेबल कॉलेजों के पास उन्हें पढ़ाने और प्रशिक्षण देने हेतु आवश्यक संसाधन मौजूद नहीं है, हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए है कि सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए कॉलेजों में नामांकित छात्रों को 1 माह के भीतर सूटेबल कॉलेजों में ट्रांसफर किया जाए।