Jabalpur News: उच्च शिक्षा विभाग ने RDVV कर्मचारियों को फिर दिया बड़ा झटका, 197 पर लटकी तलवार

Jabalpur News: Higher Education Department again gave a big blow to RDVV employees, sword hanging on 197

Jabalpur News: उच्च शिक्षा विभाग ने RDVV कर्मचारियों को फिर दिया बड़ा झटका, 197 पर लटकी तलवार

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) के कर्मचारियों पर एक बाद एक गाज गिर रही है। पहले उच्च शिक्षा विभाग ने 1997 को rdvv कार्य परिषद (ईसी) द्वारा सृजित किए गए 70 पदों को निरस्त कर दिया था। इस झटके से अभी कर्मचारी उबरे भी नहीं थे कि अब नियमित हुए कर्मचारियों की वरिष्ठता को लेकर बड़ा फैसला उच्च शिक्षा विभाग ने लिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमित हुए 197 कर्मचारियों की जो सूची 2013 में जारी हुई थी,उसी को वरिष्ठता का आधार माना जाएगा। जिसके बाद 2008 से वरिष्ठता की मांग कर रहे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। उच्च शिक्षा विभाग के इस फैसले से कर्मचारियों के बीच हडंकप मचा हुआ है।

क्या है मामला-
RDVV प्रशासन ने 2008 में करीब 122 कर्मचारियों को नियमित किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन के उक्त आदेश के विरूद्ध कुछ कर्मचारी न्यायालय की शरण में चले गए थे। उनका आरोप था कि कुछ आपात्र लोगो को नियमित कर दिया गया है जबकि पात्र कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर एक हाई पॉवर कमेटी का गठन किया गया।
जिसकी रिपोर्ट के आधार पर पात्र पाए गए 197 कर्मचारियों की सूची जारी करते हुए 2013 में उच्च शिक्षा विभाग ने नियमितीकरण का आदेश जारी कर दिया। लेकिन कर्मचारी 2008 से ही नियमित होने का हवाला देते हुए उक्त दिनांक से ही वरिष्ठता की मांग कर रहे थे। जिसको संज्ञान में लेते हुए 2019 में हुई कार्य परिषद की बैठक निर्णय लिया गया कि सभी कर्मचारियों को 2008 से वरिष्ठता दी जाएगी।
जिसके बाद कर्मचारी 9 माह की अंतर राशि का भुगतान किए जाने व समयमान वेतन मान दिए जाने की मांग कर रहे थे। लिहाजा उक्त प्रकरण मार्ग दर्शन के लिए पुन: उच्च शिक्षा विभाग जा पहुंचा। उच्च शिक्षा विभाग ने 2008 से नियमितीकरण व वरिष्ठता देने की बात को नकारते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को हाई पॉवर कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करने के निर्देश दिए है। जिसके मुताबिक सभी 197 कर्मचारियों की वरिष्ठता 2013 से मानी जाएगी।
 
क्या रिकवरी भी होगी -
उच्च शिक्षा विभाग का पत्र सामने आने के बाद कर्मचारियों में इस बात को लेकर चर्चा जोरो पर है कि क्या अब रिकवरी भी होगी। क्योंकि शासन ने तो 2008 से नियमितीकरण ही नही माना है। ऐसे में उनकी वरिष्ठता का नुकासान तो होगा ही। वहीं पूर्व में लिए गए समयमान वेतन मान लाभ भी संकट में पड़ जाएगा। हालांकी उक्त मामले में अब सबकी नजर आॅडिट पर है। दरअसल, शासन के आदेश का पालन कराने के मामले में विश्वविद्यालय का आवासीय आॅडिट विभाग काफी सख्त रूख अपनाए हुए हैं।

3 माह से चल रही था पत्राचार-
बताया जा रहा है कि पिछले तीन माह से उच्च शिक्षा विभाग से पत्राचार चल रहा था। जानकारों का कहना है कि जिस तरह 70 पदों के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन अपना पक्ष ठीक ढंग से नही रख पाया। ठीक उसी प्रकार वरिष्ठता मामले में अपनी बात ठीक से नहीं रख पाने का नतीजा है कि एक बार फिर आरडीयू कार्य परिषद के निर्णय को उच्च शिक्षा विभाग ने पलट दिया है।