फेक वोटिंग पर लगाम: हरियाणा में बुर्का-घूंघट वाले वोटर्स की होगी जांच
Ban on fake voting: Voters wearing burqa and veil will be investigated in Haryana

हैदराबाद में भाजपा की माधवी लता के नकाब विवाद के बाद भारतीय चुनाव आयोग अलर्ट
एजेंसी, चंडीगढ़
हैदराबाद में भाजपा की माधवी लता के नकाब विवाद के बाद हरियाणा में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) अलर्ट हो गया है। आयोग खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्दानशीन वोटरर्स का वेरिफिकेशन कराएगा। इसके लिए आंगनवाड़ी वर्कर और असिस्टेंट नर्स (दाइयों) की विशेष रूप से नियुक्ति की गई है। ये ग्रामीण बूथों के लिए नियुक्त की जा रही हैं। जहां हिंदू महिलाओं का घूंघट और मुस्लिम महिला का बुर्का पहनना एक आम बात है। ये इन वोटरों की पहचान उनके चेहरे से मतदाता पहचान पत्र का मिलान कर वेरिफिकेशन करेंगे। आयोग के अधिकारियों का इस फैसले का उद्देश्य 25 मई को वोटिंग के दौरान किसी भी फेक वोटिंग को रोकना है।
भाजपा ने की थी मांग
हरियाणा के नूंह में भाजपा की जिला इकाइयों ने वहां इसी तरह के प्रावधान की मांग की रखी थी। राज्य में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के लिए जाना जाने वाला नूंह फर्जी मतदान के प्रयासों के लिए भी जाना जाता है।
ये है पूरा मामला
13 मई को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में हैदराबाद में भाजपा उम्मीदवार माधवी लता सवालों के घेरे में आ गई थीं। लता की एक वीडियो सामने आई थी, जिसमें वे बुर्का डाले हुए वोटरों से अपना चेहरा उनके सामने दिखाने के लिए कह रही थीं। हैदराबाद पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। ईसीआई के मानदंडों के अनुसार, यदि आवश्यक हो तो मतदान अधिकारियों को मतदाता कार्ड पर फोटो के अनुसार वोटर की उपस्थिति का वेरिफिकेशन करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि घूंघट, बुर्का, नकाब में महिला मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा भी की जाए। चुनाव आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अफसरों और मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों को स्थायी निर्देश जारी किए हैं।
पर्दानशीन के लिए ये हैं गाइडलाइन
पीठासीन अधिकारी के लिए चुनाव आयोग की हैंडबुक में कहा गया है कि यदि आपके मतदान केंद्र पर बड़ी संख्या में पर्दानशीन (बुर्का पहने) महिला मतदाताओं को नियुक्त किया गया है, तो आपको उनकी पहचान के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए और बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए। महिला मतदान अधिकारी को उनकी गोपनीयता, गरिमा और शालीनता का ध्यान रखते हुए एक अलग घेरे में रखा जाएगा।