Jabalpur News: सीसीटीवी कैमरों पर नजर रखने वाले ‘बाबू’ एसआईटी के सामने हुए पेश, RDVV में महिला अधिकारी को अभद्र इशारे का मामला

Jabalpur News: Babu who keeps an eye on CCTV cameras appeared before SIT, case of indecent gesture to a woman officer in RDVV

Jabalpur News: सीसीटीवी कैमरों पर नजर रखने वाले ‘बाबू’  एसआईटी के सामने हुए पेश, RDVV में महिला अधिकारी को अभद्र इशारे का मामला

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) कुलगुरु चेंबर में एक महिला अधिकारी के साथ हुई अभद्रता मामले एमपी हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित की गई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी ने सोमवार को सीसीटीवी कैमरों के रख रखाव की जिम्मेदारी संभालने वाले ‘बाबू’ को तलब किया। वहीं तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव संतोष जाटव और वर्तमान कुलसचिव आरके बघेल व पीडिता को भी एसआईटी ने सोमवार को अलग-अलग समय पर कार्यालय में बुलाया और बयानों दर्ज किया। लेकिन सबसे अहम बयान उक्त बाबू के माने जा रहे हैं,जिसके पास सीसीटीवी कैमरों की जिम्मेदारी थी। हालांकी उक्त बाबू ने आरडीयू प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस में स्पष्ट कर दिया था कि जब तक वह प्रभार में था कैमरे चालू थे।

जानकारी के मुताबिक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने RDVV के सहायक ग्रेड-3 लिपिक विभु पांडे को बुलाया था। विभु पांडे 28 नवंबर तक कुलगुरु कार्यालय में पदस्थ थे और उनके पास ही सीसीटीवी कैमरों से जुडे़ कार्य थे। एसआइटी का जांच का अहम बिंदू भी यही है कि 21 नवंबर को कुलगुरु कार्यालय में हुए घटनाक्रम के दौरान चेंबर के सीसीटीवी कैमरे बंद थे या फिर चालू, अगर चालू थे तो उनकी रिकार्डिंग कहां गई।

दरअसल, शिकायत करने वाली महिला अधिकारी ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को कोर्ट में अहम सबूत बताया है। इसके साथ ही महिला अधिकारी द्वारा 22 नवबंर को शिकायत कुलसचिव कार्यालय को दिए जाने व सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे जाने के बाद भी उसे कोई जबाव नहीं दिया गया। आखिर शिकायत का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। इसको लेकर तत्कालीन कुलसचिव से जबाव तलब होना तय माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि आरडीयू की एक महिला कर्मचारी ने कुलगुरु प्रो राजेश वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य पक्षों से की थी। महिला अधिकारी का आरोप था कि 21 नवंबर को वीसी चेंबर में एक बैठक के दौरान उन्हें अभद्र इशारे किए गए। जिसे वीसी चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग में देखा जा सकता है।

शिकायत कर्ता महिला अधिकारी ने सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से फुटेज दिए जाने की मांग भी की थी, लेकिन जब लंबा समय बीत जाने के बाद भी न तो जांच हुई और न ही फुटेज मिले तो उक्त महिला अधिकारी ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच कराए जाने की मांग रखी। कोर्ट में सुनवाई यह बात संज्ञान में आयी कि उक्त घटनाक्रम को लेकर गठित की गई दो अलग-अलग कमेटियां किसी न किसी तरह से प्रभावित हो रहीं हैं। कोर्ट ने जांच कमेटियों की रिपोर्ट पर सवाल खडेÞ करते हुए डीजीपी को निर्देश दिए कि एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जांच करायी जाए। एसआईटी को 16 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करना है।