ऊर्जा विभाग के पीएस पहुंचे मीटर की जांच करने
भोपाल में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव अरेरा के बंगलों के मीटर जांचने पहुंच गए भोपाल की सबसे पॉश कॉलोनी है अरेरा यहां जाओ तो करोड़ों के बंगले स्वागत करते हैं। लेकिन हैरत की बात है कि ई-1 से लेकर ई-4 अरेरा कॉलोनी में ऐसे 51 बंगले मिले हैं, जहां महीने में केवल 150 यूनिट ही बिजली खर्च होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन मकानों में 3 या 4 बिजली मीटर लगाकर बिजली की कुल खपत को कम दिखाया जा रहा था।
राजधानी में ऐसा पहली बार हुआ है, जब व्यवस्थाएं सुधरवाने के लिए कोई एसीएस फील्ड पर उतर गया। एसीएस सुबह सवा 11 बजे टीम के साथ ई-1 अरेरा कॉलोनी पहुंचे। इसके बाद वह ई-4 में बने बंगलों में भी गए।
यहां बड़े-बड़े प्लॉट साइज और राजधानी की सबसे ज्यादा कलेक्टर गाइडलाइन वाले इलाके में बने बंगलों में कई मीटर लगाकर सब्सिडी ली जा रही थी। ये देख एसीएस ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने उपभोक्ताओं को बताया कि कोई भी घरेलू उपभोक्ता एक से ज्यादा मीटर तभी लगा सकता है, जब परिवार एक घर में अलग रह रहा हो। इस तरह के डेटा एनालिसिस के आधार पर और भी औचक निरीक्षण करेंगे।
ऐसे भवन संचालकों की जानकारी केवल दो कमांड देकर ही निकाल ली गई। बिजली कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने बताया कि एमपी एसईडीसी के एमपी जियो पोर्टल की मदद ली गई। पहले भोपाल में सबसे ज्यादा कलेक्टर गाइडलाइन पर हुई रजिस्ट्री की कमांड देकर डेटा निकाला गया। दूसरी कमांड इस गाइडलाइन पर रजिस्ट्री करवाने वाले ऐसे उपभोक्ताओं की दी गई, जिनके यहां बिजली की मासिक खपत 150 यूनिट तक ही है। इससे ई-1 से ई-4 के बीच ऐसे 51 उपभोक्ताओं की जानकारी मिल गई।
प्रदेश में हर माह 100 यूनिट मासिक बिजली खपत पर 100 रुपए और 150 यूनिट खपत पर 150 रुपए ही भरने पड़ते हैं। एक ही घर में एक से ज्यादा कनेक्शन होने पर बिजली खपत अलग-अलग बंट जाती है।