बहुखेडी़:मनरेगा मजदूरों के नाम से फर्जी उपस्थिति हाजिरी डालकर लाखों रुपये निकाल रहा रोजगार सहायक रामपाल मीना
दिनेश यादव
चाँचौडा़। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना केवल कागजी आंकड़ों तक सिमट कर रह गई है. जिम्मेदार इस योजना में जमकर लूट-खसोट कर सरकारी धन का बंदरबांट कर अपनी जेब भरने में लगे हैं.असल में जो इसके हकदार हैं मनरेगा मजदूर वह मारे-मारे फिर रहें हैं, उनके घर के चूल्हे किसी तरह जल रहे है, तो वहीं जिम्मेदार इनके हक पर डाका डाल मौज कर रहे हैं.अगर कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो जिम्मेदार अधिकारी मामले की लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.मनरेगा में लूट खसोट सरकारी धन का बंदरबांट अनवरत चलता रहा है. बिना काम कराए हैं अपने चहेते गिने-चुने मनरेगा मजदूरों के खाते में सारा पैसा भेजने के बाद अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया जाता है. इस तरह मनरेगा योजना चाँचौडा़ विकास खंड में भ्रष्टाचार के भेट चढ़ कर रह गई हैं मामला चाँचौडा़ विकास खंण्ड के बहुखेडी़ ग्राम पंचायत का हैं जहां मनरेगा योजना से मिनी पारकोलेशन टेंक,खेत तालाबों की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाकर मनरेगा योजना से भूगतान करा लिया गया है, तो वहीं भूगतान के बाद भी कार्यस्थल पर कहीं भी डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगाया गया है, ताकि ग्रामीण यह जान सके कि यह कार्य मनरेगा योजना से हुआ हैं तो वही जिम्मेदार अधिकारी आफिसों में बैठ बिना जांच पड़ताल किए योजना के पैसे का भुगतान कर दिए.उक्त निर्माण कार्यों में लाखों रुपए का भुगतान निकाल लिया है, लेकिन जो असल में मनरेगा मजदूर हैं वह आज भी बेरोजगार बने हुए हैं.
भ्रष्टाचार में सहयोगी बन रहें फर्म संचालक:
मोदी सरकार ने टैक्स चोरी को लेकर जीएसटी प्रणाली लागू की लेकिन मोदी सरकार की टैक्स चोरी मंशा को नाकाम कर रहें फर्म संचालक असल में बात यह है की विश्वास ट्रेडर्स फर्म संचालक की मनमानी इस तरह चाँचौडा़ जनपद क्षेत्र में फैली हुई है की फर्म संचालक ग्राम पंचायतों में मनचाहे बिल तो दे ही रहें है साथ ही सरपंच-सचिव एवं रोजगार सहायक को भ्रष्टाचार करने में भी सहयोग कर रहें है।ताजा मामला संज्ञान में आया है की चाँचौडा़ जनपद की ग्राम पंचायतों में विश्वास ट्रेडर्स के संचालक ब्लास्टिंग सामग्री के बिल दिये जा रहें है जिसको लेकर पहले तो फर्म संचालक से बातचीत की तो उन्होंने बताया की में ब्लास्टिंग सामग्री नहीं बेचता तो हमारी टीम ने फर्म संचालक को बताया की आपने कई ग्राम पंचायतों में ब्लास्टिंग सामग्री के बिल दिये है तो फिर फर्म संचालक बोला की में सचिवों से बात करता हूँ...तो इसका मतलब साफ यह है की या तो यह बिल फर्जी डालें गये है या फिर ब्लास्टिंग सामग्री का रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण हमारी टीम को बताने में असमर्थ हो गये क्योंकि अभी इनसे कुछ भी बोला तो यह छाप देंगे और फालतू में परेशानी खड़ी हो जाएगी जिसके कारण सचिव पर बात डालकर फोन काट दिया।
परिचितों को बनाया वेण्डर
ग्राम पंचायत बहुखेडी़ में पंच परमेश्वर तथा अन्य योजनायें जो संचालित हों रही है उनके निर्माण कार्यो के लिये मटेरियल खरीदी की गई, सूत्र बताते हैं कि ग्राम पंचायत बहुखेडी़ में फर्जी वेंडरों के नाम लाखों की राशि का भुगतान किया गया, अधिकांश वेंडर इस प्रकार बने हुये है, जिनके पास मटेरियल के नाम पर कुछ भी नही है, लेकिन उनके नाम से गिट्टी, पत्थर, रेत, मुरम, लोहा सहित सभी आवश्यक वस्तुये खरीदने के फर्जी बिल लगाये गये है, सरपंच, सचिव, उपयंत्रियों के परिचित रिश्तेदारो कर्मचारियो के नाम से फर्म बनाकर मटेरियल खरीदी की गई है, तथा उनके खातों में राशि भेज कर भारी बंदरबांट किया गया है
सादा कागजों के लगे बिल:
जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बहुखेडी़ में भारी फर्जीवाड़ा किया गया है वर्ष 2015 से 2023 तक सिर्फ कागजोंं पर ही वेंडरों के नाम आहरित की गई है, ग्राम पंचायत बहुखेडी़ में उक्त वर्षों में सादा कागजों के बिल लगाये गये, मजे की बात तो यह है कि इन दिनों में जिले में बैठे जिम्मेदारों ने लग रहे बिलों को देखकर भी खुलेआम अनदेखी की, जबकि ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव तथा जनपद में बैठे जिम्मेदारों ने भ्रष्टाचार करने की इन कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों को खुली छूट दे दी।
मजदूरों के नाम से चल रहा फर्जीवाडा़:
ग्राम पंचायत बहुखेडी़ में मिनी पारकोलेशन टेंक का निर्माण चल रहा है जिसको लेकर आज 39 मनरेगा मजदूरों के नाम से उपस्थिति हाजिरी डाली गई है लेकिन जब हमारी टीम मौके पर पहुँची तो एक भी मजदूर मौका स्थल पर नही मिला जिसको लेकर रोजगार सहायक रामपाल मीना से बात की गई तो उन्होंने बताया की अभी खेती का कामकाज चल रहा है जिसके कारण मजदूर नही आ रहें तो फिर हमारी टीम ने पूछा की आप मजदूरों की उपस्थिति हाजिरी कैसे डाल रहें हो तो फिर रोजगार सहायक बोलें की आगे से ऐसा नही होगा...इसका मतलब यह है की मजदूरों के नाम से फर्जीवाडा़ किया जा रहा है लेकिन इस फर्जीवाडे़ में तमाम अधिकारी भी शामिल है जिसके चलते ऐसे भ्रष्ट रोजगार सहायकों पर कार्यवाई नहीं हो पा रही है।और सबसे बड़ा सवाल तो यह है की रोजगार सहायक बगैर मजदूरों के ऑनलाइन फोटो भी अपलोड भी कर रहा है लेकिन कमीशन के कारण स्थानीय मॉनिटरिंग अधिकारी इस ओर ध्यान देने की वजह रोजगार सहायक का साथ दे रहें है लेकिन इस मामलें में जिला अधिकारी जल्द से जल्द संज्ञान ले जिससे वास्तविक मजदूरों को मजदूरी मिले जिससे मजदूर पलायन न करें। चॉचौड़ा से दिनेश यादव की रिपोर्ट