सेबी के आदेश के बाद उथल-पुथल बीएसई के शेयर हुए धड़ाम, 17त्न से अधिक टूटे

सेबी के आदेश के बाद उथल-पुथल बीएसई के शेयर हुए धड़ाम, 17त्न से अधिक टूटे

नई दिल्ली, एजेंसी

सोमवार (29 अप्रैल) को शेयर बाजार में तेजी के बावजूद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के स्टॉक में भारी गिरावट देखने को मिली। इंट्रा-डे में बीएसई के शेयरों में 17.6 फीसदी गिरे। 2017 में लिस्टिंग के बाद से बीएसई के शेयरों में यह अब तक की ये सबसे बड़ी गिरावट है।

बीएसई के शेयरों में बिकवाली बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के आदेश के बाद देखने को मिला। सेबी ने मुंबई स्थित स्टॉक एक्सचेंज को एक महीने के भीतर बकाया और ब्याज लागत सहित ऑप्शंस टर्नओवर पर रेगुलेटरी फीस का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसका असर आज बीएसई के शेयरों पर देखने को मिल रहा है।

बीएसई ने रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि एफवाय 2006-2023 के लिए सेबी की कुल रेगुलेटरी फीस 68.64 करोड़ रुपए + जीएसटी अलग से होगी, इसमें 30.34 करोड़ रुपए का ब्याज शामिल है। इसके अलावा, एफवाय 2023-24 के लिए डिफरेंशियल रेगुलेटरी फीस अगर कोई है, तो करीब 96.30 करोड़ रुपए + जीएसटी हो सकता है। 

कितना करना होगा बीएसई को भुगतान?

बीएसई को डिफरेंशियल फीस के तौर पर करीब 165 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा जिसमें से 69 करोड़ रुपए फाइनेंशियल ईयर 2007-2023 तक के और 96 करोड़ रुपए फाइनेंशियल ईयर 2024 के हैं। बता दें कि बीएसई को फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के 30 दिन के अंदर रेगुलेटरी फीस भुगतान करना होगा। पिछले कई सालों से, बीएसई विकल्पों के प्रीमियम टर्नओवर को ध्यान में रखते हुए वार्षिक टर्नओवर के आधार पर नियामक शुल्क का भुगतान कर रहा था।