सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को सही ठहराया, चुनौती देने वाली याचिका को किया खारिज
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों की परिसीमन को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने परिसीमन की प्रक्रिया की चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त किए जाने के बाद राज्य के विधानसभा सीटों के सीमांकन के लिए परिसीमन किया गया था। राज्य परिसीमन आयोग ने काफी परिश्रम के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में जम्मू संभाग में विधानसभा सीट बढाने की बात कही गई थी। जिसका कश्मीर की कई राजनीतिक पार्टियां विरोध कर रही थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां आज जम्मू कश्मीर के परिसीमन को सही ठहराया गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया की चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई में अदालत ने परिसीमन की प्रक्रिया को सही ठहराया। और उसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के निष्क्रिय होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन का मसला उसके पास लंबित है। इस सुनवाई में उसने इस पहलू पर विचार नहीं किया है।
गौरतलब हो कि श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने परिसीमन की प्रक्रिया की चुनौती देने हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इन लोगों ने अपनी याचिका में कहा था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग ने इस दलील को गलत बताया था।
पिछले साल 13 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर नोटिस जारी किया था। तब भी कोर्ट ने साफ किया था कि सुनवाई सिर्फ परिसीमन पर होगी। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से जुड़े मसले पर विचार नहीं किया जाएगा। फिर 1 दिसंबर 2022 को जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।